पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा ली। इस बीच कई बच्चें अनाथ भी हुए। भारत में दिल्ली समेत कई राज्यों में कोरोना महामारी के चलते लाखों लोगों की जान चली गई जिसते चलते हज़ारों बच्चों के सिर पर माता-पिता का साया उठ गया जिसके देखते हुए सरकार ने इन बच्चों की देखभाल के लिए कई कड़े कदम भी उठाए लेकिन देहरादून का एक सामाजिक कार्यकर्ता इन बच्चों के लिए मसीहा बनकर सामने आया।
देहरादून के एक सामाजिक कार्यकर्ता जिसने ऐसे 100 बच्चों को गोद लेने की घोषणा की है, जो महामारी के दौरान अनाथ हो गए हैं। इस घोषणा के अनुसार शुरुआत भी कर दी गई है।
JOY एनजीओ ने किया 100 अनाथ बच्चों को गोद लेने की घोषणा
बतां दें कि उत्तराखंड की राजधानी में JOY (Just Open Yourself) नाम से एनजीओ चलाने वाले जय शर्मा ने 100 अनाथ बच्चों को गोद लेने की बात कही है और 20 को तो गोद ले भी लिया है। अपने एनजीओ की फेसबुक पोस्ट में शर्मा ने लिखा कि कोविड की दूसरी लहर के शुरुआती दो हफ्तों में ही ऐसे 5 परिवारों के केस हमारे सामने आए, जहां बच्चों के दोनों अभिभावक काल के शिकार हुए... इस पूरी स्थिति से हमने सोचा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और भयानक होगी और हमें इसके लिए कुछ करना ही होगा.'
जब तक बच्चे आत्मनिर्भर नहीं हो जाएंगे, हर तरह का सहयोग दिया जाएगा
जय शर्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह अब तक 20 ऐसे बच्चों की डाइट, दवाओं और वित्तीय जरूरतों को संभाल रहे हैं। इन 20 में से दो बच्चे देहरादून के हैं और बाकी राज्य के अन्य पहाड़ी इलाकों के, जय शर्मा ने उम्मीद जताते हुए कहा कि अगले एक हफ्ते में वह 50 बच्चों को गोद लेने का लक्ष्य पूरा कर लेंगे और उसके बाद सिलसिलेवार ढंग से 100 बच्चों को। इन बच्चों को हर तरह का सहयोग तब तक दिया जाएगा, जब तक ये आत्मनिर्भर नहीं हो जाएंगे।
1311 बच्चों ने अपने पिता और 651 ने अपनी मां को खोया
जानकारी के लिए बतां दें कि दिल्ली में DCPCR के एक सर्वे के अनुसार, मार्च 2020 से महामारी के प्रकोप के चलते 2000 से ज़्यादा बच्चे अनाथ हुए, इनमें से 67 ने अपने दोनों पैरेंट्स को खोया। इस सर्वे के मुताबिक 1311 बच्चों ने अपने पिता और 651 ने अपनी मां को खोया।