भारत की बेटियों ने एक बार फिर इतिहास रच कर देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। एक दुर्लभ उपलब्धि के तहत डोर्नियर विमान पर सवार भारतीय नौसेना की पांच महिला अधिकारियों ने उत्तरी अरब सागर में पहली बार अपने बूते समुद्री टोही और निगरानी अभियान को पूरा किया। भारतीय नौसेना ने इस अभियान को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने बताया कि- भारतीय नौसेना के पोरबंदर स्थित नवल एयर इन्क्लेव के आईएनएएस 314 की पांच अधिकारियों ने उत्तरी अरब सागर में डोर्नियर 228 विमान पर सवार होकर पहला सर्व-महिला समुद्री टोही और निगरानी अभियान पूरा करके बुधवार को इतिहास रच दिया। कमांडर विवेक ने कहा कि वास्तव में यह एक ऐसा मिशन था जो सही अर्थों में ‘नारी शक्ति’ को दिखाता है।
विमान की कप्तान मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा थीं, जिनके साथ सहयोगी पायलट के रूप में लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते, सामरिक तथा सेंसर अधिकारी लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और सब लेफ्टिनेंट पूजा शेखावत थीं। आईएनएएस 314 गुजरात के पोरबंदर में स्थित अग्रिम पंक्ति का एक नौसैनिक हवाई बेड़ा है, जो अत्याधुनिक डोर्नियर 228 समुद्री टोही विमान संचालित करता है।
इस बेड़े (स्क्वाड्रन) की कमान नेविगेशन प्रशिक्षक कमांडर एस के गोयल के हाथ में है। नौसेना ने कहा, ‘‘यह अपनी तरह का पहला सैन्य हवाई मिशन था, लेकिन यह अद्वितीय था। इससे विमानन क्षेत्र में महिला अधिकारियों को अधिक जिम्मेदारी और चुनौतीपूर्ण भूमिका दिए जाने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है। इस उड़ान से पहले महिला अधिकारियों को कई महीने ग्राउंड ट्रेनिंग दी गई और मिशन को लेकर ब्रीफिंग भी हुई।