हिंदू धर्म में नवरात्रि पूजा या अन्य कोई धार्मिक उत्सव कलावा यानि की मौली बांधे बिना पूरा नही होता है। लोगों को लगता है कि मौली बांधना सिर्फ धार्मिक तौर पर ही महत्वपूर्ण होता है लेकिन मौली बांधने के पीछे का वैज्ञानिक कारण हमारी सेहत से जुड़ा हुआ है। आज हम आपको मौली बांधने के कुछ ऐसे फायदे बताएंगे जिसके बाद आप इस नवरात्रि के बाद भी मौली उतारना नही चाहेगें।
कफ होता दूर
डॉक्टर्स के अनुसार हमारी शरीर के कई अहम अंगों तक पहुंचने वाली नसे कलाई से हो कर गुजरती है। इसलिए जब हम अपनी कलाई पर मौली बांधते है तो उन नसों पर दबाव पड़ने के कारण उनकी क्रिया नियंत्रित रहती है। जिससे की वात, पित्त व कफ की समस्या दूर हो जाती है।
रक्तचाप
मौली को कलाई पर बांधने से नसें कंट्रोल में रहती है जिससे की रक्तचाप की समस्या भी नियत्रंण में रहती हैं।
डायबिटीज
पुरुषों व अविवाहित लड़कियों के दाएं व विवाहित महिलाओं के बाएं हाथ में मौली बांधी जाती है। हाथों में मौली बंधने से डायबिटीज का समस्या पूरी तरह से कंट्रोल में रहती हैं।
हार्ट अटैक
कलावा हाथों की नसों पर दबाव बनाता है जिससे की हार्ट अटैक की समस्या से भी बचाव होता है। इतना ही नही यह लकवे की बीमारी को भी दूर करने में मदद करती है।
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