महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो इस बार 11 मार्च को है। भगवान शिव का पर्व महाशिवरात्रि भारत में एक त्यौहार की तरह धूम-धाम से मनाया जाता है। जहां इस दिन लोग भगवान शिव का व्रत रखकर पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं देशभर में इस दिन लगंर, मेलों का आयोजन किया जाता है। कई लोग इस दिन धार्मिक अनुष्ठान और रूद्राभिषेक व महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करते हैं।
सबसे पहले जानिए महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त
महाशिवरात्रि त्रयोदशी चतुर्दशी तिथि 11 मार्च, दोपहर 2:39 मिनट पर प्रारंभ और 12 मार्च, दोपहर 12ः23 मिनट पर समाप्त होगी।
-निशिता काल पूजा समय- 00:06 से 00:55, मार्च 12
- प्रथम रात्रि पहर पूजाः 11 मार्च शाम 6:30 से रात 9:30 बजे तक
- रात्रि द्वितीय पहर पूजाः 11 मार्च रात 9:30 बजे से 12ः30 बजे तक
- रात्रि तृतीय पहर 11-12 मार्च रात 12ः30 बजे से 3:40 मिनट तक
- शिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च सुबह 6:30 बजे से शाम 3:00 बजे तक
ऐसे करें व्रत और पूजा
1. सबसे पहले इस दिन जल्दी उठकर स्नान करके साफ करड़े पहन लें। कोशिश करे कि आप इस दिन सफेद, लाल कपड़े पहनें क्योंकि यह रंग भगवान शिव को अति प्रिय है।
2. इसके बाद लकड़ी की चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत से उन्हें स्नान करवाकर शिवलिंग को स्नान करवाएं।
3. इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, बेर, धतूरा, फल, मिठाई, गंगाजल, दूध, घी, शहद और शक्कर, चंदन तिलक लगाकर पूजा करें। वहीं, माता पार्वती को सिंदूर और सुहाग का जोड़ चढ़ाएं। व्रत का संकल्प करके भगवान शिव को जल चढ़ाएं।
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
मान्यता है कि इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से अकालमृत्यु का भय खत्म होता है। ज्यादा लोग इस दिन फलाहारी जबकि कुछ निर्जला व्रत करते हैं। वहीं, इस दिन देशभर में शिव बरात, झांकियां निकाली जाती है।
इस बार बन रहे शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस शिवरात्रि पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन खासतौर पर शिवयोग और सिद्धि योग रहेगा, जिसके कारण व्रत करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। साथ ही इस दौरान नक्षत्र घनिष्ठा रहेगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेगा।
क्यों की जाती है चार प्रहर में पूजा?
पुराणों के मुताबिक, शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। सिर्फ देव ही नहीं बल्कि भगवान शिव के विवाह में दानव, गंधर्व, किन्नर, भूत-पिशाच भी शामिल हुए थे इसलिए इसमें चार पहर की पूजा फलदायी मानी जाती है।
महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ते साथ देवी पार्वती की पूजा और व्रत भी किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत से ना सिर्फ मनचाहा वर मिलता है बल्कि इससे शादीशुदा जिंदगी में आ रही समस्याएं भी समाप्त हो जाती है। साथ ही इससे शादी में आ रही बाधा भी दूर होती है। महाशिवरात्रि का व्रत रखने से घर में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग में भगवान शिव का स्वयं आगमन होता है।