किशोर कुमार को यूं ही नहीं बहुमुखी प्रतिभा के धनी कहा जाता, उन्होंने इंडस्ट्री में बतौर अभिनेता, गीतकार, संगीतकार, निर्माता, निर्देशक और लेखक पहचान बनाई। किशोर कुमार ने हिंदी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी, उनकी आवाज के जादू से देव आनंद सदाबहार हीरो तो राजेश खन्ना सुपरस्टार जबकि अमिताभ बच्चन महानायक कहलाए। जितनी इंटरेस्टिंग किशोर कुमार की प्रोफेशनल लाइफ रही, उतनी ही दिलचस्प रही उनकी पर्सनल लाइफ। चलिए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर उनसे जुड़ी खास बातें...
बचपन से ही था गायिकी का शौक
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को खंडवा शहर में हुआ था, उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। किशोर कुमार कभी एक्टिंग नहीं करना चाहते थे, उनका बचपन से ही गायिकी में मन था लेकिन किस्मत के आगे किसी की नहीं चलती। भाई, अशोक के कहने पर उन्होंने एक्टिंग की तरफ रुख किया। हालांकि उन्होंने एक्टिंग से बचने के पैंतरे तो काफी अपनाएं जिसको लेकर उनका एक किस्सा काफी चर्चा में भी रहा था।
एक्टिंग से दूर भागते थे 'किशोर दा'
दरअसल, एक फिल्म में अशोक कुमार और देव आनंद साथ काम कर रहे थे, उस फिल्म के एक सीन के लिए कोई एक्टर चाहिए था तो अशोक कुमार ने किशोर से वो सीन करने को कहा, अशोक कुमार ने उन्हें ब्रीफ देते हुए कहा की जैसे देव अंदर आएगा, तुझे उसे खरी-खोटी सुनानी है, किशोर कुमार ने हां में सिर तो हिला दिया। लेकिन जब शूट शुरू हुआ और देव आनंद अंदर आए, किशोर कुमार उन्हें सच में अपशब्द बोलना शुरू कर दिया जिसके बाद वो वहां से भाग लिए। डायरेक्टर प्रोड्यूसर सब चिल्लाते रहे कि सीन अभी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन किशोर कुमार तो बस भागते ही रहे।
पार्टियों में जाना नहीं था पसंद
बता दें कि किशोर कुमार ना तो ज्यादा लोगों से बातें करते थे और ना ही पार्टियों में जाते थे जिसकी वजह बताते हुए किशोर बोले थे, ‘नहीं, मुझे बिलकुल अकेला नहीं लगता। मैंने अपने घर में लगे इन पेड़-पौधों से दोस्ती कर ली है। उनके नाम रखे हैं।मैं इनसे ही बातें करता हूं।’ हालांकि, इसके बाद उन्हें पागल कहा जाने लगा था लेकिन उनको वाकई में पेड़-पौधों के साथ खास लगाव था।
किशोर दा की आदत थी कॉलेज की कैंटीन से उधार लेकर खुद तो खाते ही थे लेकिन दोस्तों को भी लुटाते थे। जब कैंटीन वाले के पांच रूपए बारह आना उधार हो गए और कैंटीन मालिक ने उनसे उधारी चुकाने को बोला तो किशोर दा दोस्तों के साथ टेबल पर बैठकर गिलास और चम्मच बजा-बजाकर ‘पांच रुपया बारह आना’ गा-गा कर कई धुन निकालते थे और कैंटीन वाले की बात अनसुनी कर दिया करते थे। हालांकि, बाद में किशोर दा ने इस गाने का अपनी फिल्म में भी इस्तेमाल किया जोकि काफी हिट हुआ।
मसूर की दाल देखकर बना लिया था मसूरी जाने का प्लान
किशोर कुमार एक मनमर्जी, मस्तमौला व मजाकिया इंसान थे। उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया जब उनके गानों को करीब 2 साल के लिए बैन लगा दिया गया। दरअसल, साल 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल के दौरान दिल्ली में एक सांस्कृतिक आयोजन में उन्हें गाने का न्यौता मिला, मगर किशोर साहब ने गाने की फीस मांगी जिस वजह से उनके गानों को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर बैन कर दिया गया।किशोर दा को बाजार से छोटी- छोटी चीजें, तरह तरह के आइटम खरीदेने का शौक था। एक बार वो ऐसे ही बाजार गए जहां अचानक मसूर की दाल देखकर उन्होंने तुरंत 'मसूरी' घूमने का प्लान बना लिया।
मधुबाला के लिए बदला अपना धर्म
बात पर्सनल लाइफ की करें तो किशोर कुमार ने चार शादियां की। उनकी पहली शादी रुमा देवी से हुई थी, लेकिन आपसी अनबन के चलते उनका जल्द ही तलाक हो गया, जिसके पीछे की वजह थी कि रुमा सिंगर बनना चाहती थी लेकिन किशोर उन्हें घर संभालने के लिए कहा करते थे। कहा जाता है कि अमिताभ-जया स्टारर फिल्म ‘अभिमान’ में इन दोनों की ही कहानी दिखाई गई थी।
इसके बाद उन्होंने मधुबाला संग शादी की जिनके लिए किशोर दा हिंदू से मुसलमान बन गए और अपना नाम ‘करीम अब्दुल’ रख लिया, जबकि उनके साथ भी किशोर कुमार का रिश्ता लंबे समय तक नहीं निभ पाया। शादी के कुछ साल बाद मधुबाला ने दुनिया को अलविदा कह दिया। फिर उन्होंने 1976 में अभिनेत्री योगिता बाली से शादी रचाई, मगर अफसोस उनके साथ भी उनकी शादीशुदा जिंदगी खास अच्छी नहीं रही। इसके बाद वर्ष 1980 में किशोर साहब ने लीना चंद्रावरकर से चौथी शादी की।
13 अक्टूबर 1987 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उनको मातृभूमि खंडवा में ही दफनाया गया, जहां उनका मन बसता था। किशोर दा ने सभी के दिल में ऐसी तस्वीर बना ली है जिसे समय की लहरें भी मिटा ही नहीं सकती और उनके अमर गीत तो हमेशा ही याद किए जाते हैं।