रेगिस्तानी देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) बारिश के चलते अस्त-व्यस्त हो गई है, जिससे अधिकतर क्षेत्रों में लोगों को भारी जलभराव का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के चलते दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में बाढ़ जैसे हालात बनने से बड़े पैमाने पर उड़ानें प्रभावित हुईं।
कहा जा रहा है यहां हुई बारिश एक ऐतिहासिक मौसमी घटना है, जो 1949 में डेटा संग्रह की शुरुआत के बाद से दर्ज की गई सबसे अधिक वर्षा है। बहरीन, ओमान, कतर और सऊदी अरब में भी बारिश हुई। हालांकि, पूरे संयुक्त अरब अमीरात में तेज बारिश देखी गई। माना जा रहा है कि ‘क्लाउड सीडिंग' भारी बारिश का कारण बनी क्योंकि सरकार ने कृत्रिम बारिश के प्रयास के तहत छोटे विमान तैनात किए थे।
कई रिपोर्ट में राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानियों के हवाले से कहा गया है कि बारिश से पहले छह या सात ‘क्लाउड सीडिंग' उड़ानें भरी गई थीं। यूएई अपने घटते, सीमित भूजल को बढ़ाने के लिए ‘क्लाउड सीडिंग' का सहारा लेता है। भारी बारिश के कारण दुबई की सड़कों पर जलभराव हो गया, कई जगह कारें तहरती दिखाई दी।
भारी बारिश के कारण वाहन ना मिलने के चलते लोग मेट्रो स्टेशन और हवाई अड्डों पर ही सो रहे हैं। यूएई का सबसे स्मार्ट और दुनिया के ग्लोबल शहरों में शुमार दुबई का यह हाल देख पूरी दुनिया हैरान है। इसके अलावा बहरीन, कतर और सऊदी अरब में भी भारी बारिश से हालात खराब हैं।ओमान में बाढ़ से कम से कम बीस लोगों की मौत की ख़बर है।
मौसम विज्ञान केंद्र (एनसीएम) ने पहले ही UAE, सऊदी अरब में तेज बारिश की भविष्यवाणी की थी। मौसम विभाग ने इस दौरान 65 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवा चलने का भी अनुमान लगाया था। मौसम विभाग का कहना है कि खाड़ी देशों में एक दिन में इतनी बारिश हो गई जितना दो सालों में होनी चाहिए थी।