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असरानी का किसी को बताए बिना हुआ अंतिम संस्कार, पत्नी मंजू ने बताई उनकी आखिरी इच्छा

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 21 Oct, 2025 12:05 PM
असरानी का किसी को बताए बिना हुआ अंतिम संस्कार, पत्नी मंजू ने बताई उनकी आखिरी इच्छा

नारी डेस्क:  हिंदी सिनेमा के दिग्गज कॉमेडियन और एक्टर गोवर्धन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन की खबर तब सामने आई जब उनका अंतिम संस्कार बिना किसी को बताए कर दिया गया। असरानी का सोमवार शाम करीब 4 बजे जुहू के आरोग्य निधि अस्पताल में निधन हुआ। उस वक्त उनके पास केवल उनकी पत्नी मंजू असरानी, बहन और भतीजा मौजूद थे।

 पत्नी मंजू ने बताई वजह

असरानी की पत्नी मंजू ने बताया कि यह फैसला असरानी की अंतिम इच्छा थी। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि जब उनका निधन हो, तो किसी को सूचना न दी जाए। असरानी नहीं चाहते थे कि उनकी मौत से किसी के त्योहार या मन की शांति पर असर पड़े। मंजू ने कहा  “असरानी जी ने खुद कहा था कि उनकी मौत की खबर से माहौल न बने, कोई भी परेशान न हो। इसलिए हमने किसी को नहीं बताया।”

 दिवाली के दिन शांत विदाई

दिवाली जैसे हर्षोल्लास के दिन असरानी की विदाई ने सबको भावुक कर दिया। उन्होंने आजीवन सादगी भरा जीवन जिया और आखिरी समय में भी उसी सादगी को बनाए रखा। कहा जा रहा है कि उन्हें शायद इस अनहोनी का आभास था। इसलिए उन्होंने पहले ही अपनी इच्छा जाहिर कर दी थी कि उनका अंतिम संस्कार शांति से, बिना किसी शोर के किया जाए।

 असरानी का जीवन और करियर

1941 में एक सिंधी परिवार में जन्मे असरानी का बचपन राजस्थान के जयपुर में बीता। बंटवारे के बाद उनका परिवार वहां आकर बस गया था। स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा और 1960 के दशक में फिल्मों का हिस्सा बने। 1970 का दशक असरानी के करियर का स्वर्णकाल रहा। उन्होंने ‘मेरे अपने’, ‘कोशिश’, ‘बावर्ची’, ‘परिचय’, ‘अभिमान’, ‘चुपके-चुपके’, ‘छोटी सी बात’, ‘रफू चक्कर’ जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं।

हास्य से लेकर गंभीर किरदारों तक

असरानी ने कॉमेडी ही नहीं, बल्कि कई संवेदनशील और भावनात्मक किरदारों को भी पर्दे पर जिया। ‘भूल भुलैया’, ‘धमाल’, ‘वेलकम’, ‘आर राजकुमार’, ‘ऑल द बेस्ट’, और ‘बंटी और बबली 2’ जैसी नई पीढ़ी की फिल्मों में भी उनका जादू कायम रहा।

 सादगी से भरी विदाई

दिवाली की रोशनी के बीच असरानी की विदाई ने पूरे बॉलीवुड को स्तब्ध कर दिया है। कोई प्रेस नोट, कोई तामझाम नहीं  सिर्फ शांत विदाई। मंजू असरानी ने कहा कि उनके पति हमेशा कहते थे, “जीवन में हंसो, लेकिन विदाई में कोई शोर न हो।”

 बॉलीवुड में शोक की लहर

असरानी के निधन की खबर सामने आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। कई सितारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि हिंदी सिनेमा ने एक अद्वितीय कलाकार और सादगी की मिसाल खो दी। असरानी जी का जाना सिनेमा की उस पीढ़ी की विदाई है जिसने हंसी में भी इंसानियत की गहराई दिखाई।

 

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