
नारी डेस्क: सोशल मीडिया पर पुरी (ओडिशा) के जगन्नाथ मंदिर के ऊपर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक चील/गरुड़ पक्षी मंदिर के शिखर पर बने पवित्र ध्वज (Patitapabana Bana या नीलचक्र के पास) को अपने पंजों में लेकर उड़ते और चक्कर लगाते दिख रहा है। लोग इसे देख भविष्य मालिका की भविष्यवाणियों से जोड़कर देख रहे हैं और तरह‑तरह की बातें कर रहे हैं।
क्या वायरल घटना है?
वायरल वीडियो में पक्षी ध्वज या उसके पास के हिस्से को पकड़कर मंदिर के ऊपर उड़ता हुआ, फिर थोड़ी देर रुकता और उड़ जाता दिख रहा है। यह असामान्य घटना बहुत चर्चा में है क्योंकि आमतौर पर मंदिर के ऊपर पक्षियों के ऐसे उड़ने की खबरें कम ही आती हैं।
लोग इसे कैसे देख रहे हैं?
कुछ लोग इसे शुभ संकेत या भगवान की लीला मान रहे हैं। कुछ इसे अशुभ संकेत के रूप में जोड़कर भविष्यवाणियों से जोड़ते हैं, खासकर जिनका नाम भविष्य मालिका जैसा ग्रंथ लोगों के बीच चर्चित है।
विशेषज्ञ या प्रशासन का क्या कहना है?
अभी तक मंदिर प्रशासन की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है कि यह कोई खास भविष्य का संकेत है। ज्यादातर विशेषज्ञ इसे एक सामान्य प्राकृतिक घटना ही बता रहे हैं यानी एक पक्षी का मंदिर के ऊपर उड़ना केवल एक दुर्लभ बल्कि सामान्य घटना है, इसे किसी महान भविष्यवाणी से जोड़ना वैज्ञानिक रूप से सही नहीं ठहराया गया है।
भविष्य मालिका क्या है?
भविष्य मालिका एक पुराना ग्रंथ है जिसमें कुछ प्राचीन संतों ने भविष्य के बारे में लिखा था। इसमें पुरानी मान्यताओं के अनुसार कुछ घटनाओं का वर्णन है, जैसे कि पक्षियों का मंदिर के ऊपर बैठना या उड़ना आदि, जिसे कुछ लोग आज भी अर्थ देने की कोशिश करते हैं।
जगन्नाथ मंदिर पर चील या गरुड़ का उड़ना एक दुर्लभ और असामान्य घटना है, इसलिए यह वायरल हुआ है। लोगों की धार्मिक मान्यता और भावनाओं के चलते इसे भविष्य की चेतावनी या शुभ‑अशुभ संकेत के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन वैज्ञानिक या प्रशासनिक तौर पर इसे कोई भविष्यवाणी नहीं माना गया है।