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इराक में 9 की उम्र में होगी बच्चियों की शादी, नहीं रहेगा तलाक का अधिकार!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 04 Dec, 2025 04:32 PM
इराक में 9 की उम्र में होगी बच्चियों की शादी, नहीं रहेगा तलाक का अधिकार!

 नारी डेस्क:   9 साल की वह उम्र होती है, जब बच्चियां सिर्फ खेल‑कूद, पढ़ाई और बड़े होकर कितनी खुशियां पाने की ख़्वाहिश करती हैं। पर अब, इराक में उनके बचपन पर एक खौफनाक फैसला आया है  संसद में पास हुए नए कानून के तहत 9‑साल की बच्चियां भी शादी के लिए वैध मानी जाएंगी।  यह बदलाव सिर्फ शादी की न्यूनतम उम्र घटाने तक सीमित नहीं है  तलाक, बच्चों की कस्टडी और विरासत जैसे बुनियादी अधिकार भी प्रभावित होंगे।  इस कानूनी बदलाव ने न सिर्फ बचपन की मासूमीयों को छीन लिया है, बल्कि एक पूरी पीढ़ी की उम्मीदों और आत्म‑निर्भरता को भी खतरे में डाल दिया है। नए कानून के अनुसार, धार्मिक व्याख्याओं के आधार पर, लड़कियां 9 साल की उम्र से शादी कर सकती हैं, जबकि लड़कों की कानूनी शादी की उम्र 18 से घटाकर 15 कर दी गई है।

कानून में क्या बदला गया है?

पहले इराक में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल थी। लेकिन नए संशोधन के बाद मौलवियों को यह अधिकार मिल गया है कि वे किस उम्र में लड़की या लड़के की शादी होगी, इसका फैसला कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अब 9 साल की छोटी बच्चियों की भी शादी कराना कानूनी माना जाएगा।

महिला अधिकार समूह क्यों चिंतित हैं?

महिला संगठनों ने कहा है कि यह कानून बाल विवाह और चाइल्ड रेप को वैधता देता है। इससे लड़कियों की सुरक्षा और जिंदगी पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। इराक की वकील मोहम्मद जुमा ने कहा  “हम महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के अंत तक पहुंच चुके हैं।” इस कानून में यह भी कहा गया है कि शिया समुदाय में लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल होगी। सुन्नी समुदाय में यह उम्र 15 साल होगी। इस अंतर को कई सांसदों ने बेहद गलत और खतरनाक बताया। इराक की महिला पत्रकार साजा हाशिम ने कहा कि अब महिलाओं की जिंदगी का फैसला मौलवी करेंगे, जो बहुत डरावना है। उन्होंने कहा कि एक महिला के रूप में अब उन्हें अपने भविष्य की हर चीज से डर लगने लगा है। एक सांसद ने तो यह तक कहा कि “इराकी राज्य ने इतनी बड़ी गिरावट पहले कभी नहीं देखी।”

इराक में बाल विवाह का पुराना सच

संयुक्त राष्ट्र की साल 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, इराक में 28% लड़कियों की शादी 18 साल से पहले ही हो जाती है। गरीब परिवार अक्सर लड़कियों की शादी को गरीबी से बचने का तरीका समझते हैं। लेकिन ऐसी शादियाँ बहुत कम सफल होती हैं और लड़कियों को जिंदगी भर परेशानी झेलनी पड़ती है। लड़कियां पढ़ाई बीच में छोड़ देती हैं। मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। प्रेग्नेंसी का जोखिम बढ़ जाता है। घरेलू हिंसा और तलाक की संभावना बढ़ती है। महिलाओं का पूरा भविष्य प्रभावित होता है।

दुनिया कर रही है विरोध 

बाल विवाह एक हानिकारक प्रथा है जिसे रोकने के लिए दुनिया भर के देश प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इराक के इस कानून से लड़कियों के अधिकार कमजोर होंगे और यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों के खिलाफ है।

इराक का यह फैसला लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा और भविष्य के लिए बहुत खतरा पैदा करता है। महिला संगठनों ने मांग की है कि इस कानून को तुरंत वापस लिया जाए, ताकि लड़कियों को उनका बचपन, अधिकार और सुरक्षित भविष्य मिल सके।
  

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