छोटे बच्चों में सफेद बाल होना एक आम समस्या बनती जा रही है । इसका कारण पोषण की कमी, हार्मोनल असंतुलन, और तनाव प्रमुख हैं। सफेद हुए बालों को प्राकृतिक रूप से काला करना तो संभव नहीं है, पर पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर इस समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है। चलिए जानते हैं बच्चों के सफेद बाद होने के कारण, उपचार और किस उम्र में सफेद बाल ज्यादा आते हैं।
छोटे बच्चों में सफेद बाल के कारण
विटामिन और मिनरल की कमी: विटामिन B12 की कमी यह बालों के सफेद होने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। फोलिक एसिड, विटामिन D3 और आयरन की कमीये तत्व भी बालों की पिगमेंटेशन के लिए आवश्यक होते हैं।
अनुवांशिक कारण अगर परिवार में पहले से किसी को कम उम्र में सफेद बाल हुए हैं, तो बच्चों में भी यह समस्या हो सकती है।थायरॉइड की समस्याएं भी बालों के सफेद होने का कारण बन सकती हैं।
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर: कुछ ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसे एलोपेसिया एरिएटा, विटिलिगो भी सफेद बाल का कारण हो सकते हैं। अत्यधिक मानसिक तनाव और चिंता भी बालों की पिगमेंटेशन को प्रभावित कर सकते हैं। जंक फूड का अधिक सेवन भी बालों के सफेद होने का कारण हो सकता है।
सफेद बाल का ईलाज:
- विटामिन और मिनरल युक्त आहार का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फल, दूध, दही, और नट्स बच्चे की डाइट में शामिल करें।
- डॉक्टर की सलाह से विटामिन B12, फोलिक एसिड, और अन्य आवश्यक सप्लिमेंट्स दें।
- योग, मेडिटेशन और नियमित व्यायाम से तनाव को कम करें।
- आंवला, ब्राह्मी, भृंगराज आदि जड़ी-बूटियां बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं।
- आंवले के तेल और नारियल तेल का नियमित उपयोग करें।
- अगर समस्या गंभीर है, तो त्वचा विशेषज्ञ या ट्राइकोलॉजिस्ट से परामर्श लें। वे सही निदान और उपचार बता सकते हैं।
किस उम्र में ज्यादा आते हैं सफेद बाल
- सफेद बाल आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ आते हैं, लेकिन कुछ मामलों में बच्चे और किशोर भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। - अगर सफेद बाल किशोर अवस्था (12-18 वर्ष) में आने लगते हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है और इसकी जांच कराना आवश्यक होता है।