चावल आमतौर पर सभी का फेवरेट फूड है। कुछ लोग तो चावल के बिना अपना खाना पसंद ही नहीं करते। बता दें कि चावल को ऊर्जा का पावर हाउस भी कहा जाता है, हालांकि कुछ लोगों को चावल खाने के बाद सुस्ती सी महसूस होने लगती है लेकिन क्या आप जानते है कि चावल खाने के बाद सुस्ती क्यों आती है? तो आईए जानते हैं इसके बारे में-
दरअसल, न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो के जरिए इस पर विस्तार से जानकारी दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने टिप्स भी दिए हैं कि चावल खाने के बाद सुस्ती आने पर क्या करना चाहिए।
चावल खाने के बाद सुस्ती क्यों आती है?
न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा के अनुसार, शरीर में डाइजेशन सर्कल के दौरान कार्बोहाइड्रेट के स्वांगीकरण के कारण ऐसा होता है। यानि कि जब भोजन शरीर में जाता है तो पाचन के दौरान कार्बोहाइड्रेट को भोजन से निकाला जाता है। कार्बोहाइड्रेट जब बन जाता है तो यह ग्लूकोज में बदल जाता है। ग्लूकोज से ही शरीर में ऊर्जा की आवश्यकता पूरी होती है लेकिन ग्लूकोज को बनाने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है, इंसुलिन की मात्रा बढ़ते ही आवश्यक फैटी एसिड ट्रिप्टोफेन सक्रिय हो जाता है।
इन दो हार्मोन की वजह से शरीर में होने लगती है सुस्ती
इसके सक्रिय होने के कारण मेलाटोनिन और सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ती है इन्ही दोनों हार्मोन की वजह से शरीर में सुस्ती महूसस होने लगती है। स्पष्ट तौर पर कहें तो चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है जिसके कारण इंसुलिन ज्यादा बनता है जो सुस्ती लाने के लिए जिम्मेदार हार्मोन को सक्रिय कर देता है।
दोपहर के भोजन में न खाएं चावल
न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने बताया कि इस सुस्ती से बचने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि दोपहर के भोजन में चावल को छोड़ दें लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि सुस्ती क्यों आती है इसके बेसिक सिद्धांत को समझना जरूर है। अगर इस सिद्धांत को समझ लेंगे तो लाइफस्टाइल बेहतर हो सकता है।