जॉन्सन एंड जॉन्सन की कोरोना की सिंगल डोज़ वैक्सीन इस साल जून या जुलाई तक भारत में इंपोर्ट हो सकती है। इस बात की जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट ऑफ बायोलॉजी में सेक्रेटरी के पद पर काम करने वाली रेणु स्वरूप ने दी है। वैक्सीन को लेकर उनका कहना है कि हर साल करीब 600 बिलियन डोज़ बनाई जा सकेंगी।
जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वैकिसीन की खासियत-
जॉन्सन एंड जॉन्सन की कोरोना वैक्सीन अगर किसी को लगाई जाती है तो उसके 28 दिनों के बाद अगर वह कोरोना वायरस की चपेट में आ भी जाता है तो उसे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी और मौत से भी बचा जा सकेगा। इस समय जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने वाली अन्य कंपनी बायोलॉजिकल-ई के साथ मिल कर काम कर रही है ताकि भारत में जल्द से जल्द इस वैक्सीन को पहुंचाया जा सकें।
जानें जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन क्या होगी कीमत-
जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन की सिर्फ एक जोड़ ही दी जाती है. कंपनी के अनुसार इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में तीन महीने तक रखा जा सकता है इसके अलावा शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर इसे दो साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। वहीं,इस टीके का प्रभाव दुनियाभर में 66 फीसदी और अमेरिका में 72 फीसदी तक पाया गया है। इसकी एक डोज वाली वैक्सीन की कीमत 8.5 डॉलर से 10 डॉलर यानि कि 637 रुपए - 750 रुपए तक हो सकती है।
इन तीन वैक्सीन को मिल चुकी है इमेरजेंसी मंज़ूरी-
देश में अभी तक तीन वैक्सीन को इमेरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी मिली चुकी हैं। जिसमें से दो कोविशील्ड और कोवैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है, जबकि रशिया की स्पुतनिक-वी कोरोना वैक्सीन को हाल ही में मंज़ूरी मिली है।