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शरीर पर भगवान के टैटू बनवाना सही या गलत? जानें प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 03 Jul, 2025 06:24 PM
शरीर पर भगवान के टैटू बनवाना सही या गलत? जानें प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा

नारी डेस्क: आजकल टैटू बनवाना फैशन बन चुका है। लोग शरीर पर अलग-अलग डिजाइन बनवाते हैं कुछ प्रियजनों का नाम लिखवाते हैं, कुछ आकर्षक चित्र चुनते हैं, और अब तो देवी-देवताओं की तस्वीर या नाम भी टैटू करवाने लगे हैं। हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने धार्मिक दृष्टिकोण से इस पर प्रतिक्रिया दी है और बताया कि ऐसा करना क्यों अनुचित माना जाता है। प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि देवी-देवताओं के नामों में अपार शक्ति होती है। नियमित रूप से नाम का जाप करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। लेकिन जैसे नाम जप के पहले कुछ नियम होते हैं, वैसे ही शरीर पर नाम या चित्र उतारने को लेकर भी सावधानी की जरूरत है।

टैटू बनवाना क्यों अशुभ माना गया?

स्नान के समय अपमान का डर
जब व्यक्ति स्नान करता है, तो जल टैटू से होकर नीचे तक पहुंचता है। महाराज का कहना है कि यह धार्मिक दृष्टि से अपमान माना जा सकता है और व्यक्ति पर पाप का प्रभाव भी पड़ता है।

दिनभर का अपवित्र संपर्क
हम दिन भर कई बार अपवित्र जगहों या चीजों के संपर्क में आते हैं। ऐसे में शरीर पर बने धार्मिक टैटू अपवित्र हो सकते हैं, जिससे देवी-देवताओं का अनादर माना जा सकता है। यह अनादर आशीर्वाद की कमी और ईश्वर के क्रोध का भी कारण बन सकता है।

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मेहंदी में भी रखें सावधानी

टैटू के साथ-साथ मेहंदी में भी देवी-देवताओं का चित्र कभी न बनाना चाहिए।
ऐसा करना धार्मिक रूप से अनादर माना जाता है और ईश्वरीय कृपा की जगह विपरीत परिणाम ला सकता है।
सनातन धर्म में श्रद्धा और आस्था के साथ-साथ मर्यादा का भी खास महत्व है।
इसलिए धार्मिक प्रतीकों को शरीर पर अंकित करने से बचना ही सर्वोत्तम है।

प्रेमानंद महाराज की बातों से यह साफ है कि धार्मिक प्रतीकों की अस्वीकार्यता केवल नियम नहीं, बल्कि श्रद्धा और मर्यादा का विषय है। टैटू फैशन हो सकता है, लेकिन जब उसमें देवी-देवताओं का नाम या चित्र शामिल हो, तो यह धार्मिक दृष्टि से अनुचित और अशुभ समझा जाता है। इसलिए इस तरह के टैटू या मेहंदी डिज़ाइन से बचना चाहिए और श्रद्धा की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।

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