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Covishield से हो रही ब्लड क्लॉटिंग, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, जानिए कौन-सी वैक्सीन है

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 18 May, 2021 11:40 AM
Covishield से हो रही ब्लड क्लॉटिंग, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, जानिए कौन-सी वैक्सीन है

कोरोना वायरस को रोकने के लिए भारत में वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज कर दिया गया है। देश में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और Sputnik V वैक्सीन लगाई जा रही है। अब तक हजारों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है लेकिन हाल ही में कोविशील्ड से लोगों में ब्लड क्लॉटिंग के मामले सामने आए हैं। 

Covishield से हो रही ब्लड क्लॉटिंग की समस्या

AEFI कमेटी ने जब 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच की तो उसमें 26 मामले ब्लड क्लॉटिंग के मामले समाने आए, जिसमें से सभी कोविशील्ड के थे। AEFI कमेटी को कोवैक्सीन (Covaxin) से एक भी ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं मिली। वहीं, कोविशील्ड से जर्मनी और यूके में भी 10 केस प्रति मिलियन ब्लड क्लॉटिंग के मामले देखने को मिले। जबकि कुछ लोगों को इसके कारण न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

इन्हें देखते हुए अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविशील्ड लेने वाले लोगों के लिए गाइडलाइन जारी की है। इनमें लोगों को सख्त हिदायत दी गई है कि वैक्सीन लगवाने के अगर 20 दिन बाद कोई भी दिक्कत हो तो वो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, सूजन, या सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, पेट दर्द, कमजोरी, धुंधलापन हो तो उसे हल्के में ना लें।

अन्य देशों की अपेक्षा काफी कम हैं मामले

AEFI के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में ब्लड क्लॉटिंग के केस 0.61% प्रति मिलियन हैं जो अमेरिका, जर्मनी के मुकाबले काफी कम है। बता दें, भारत में अब तक 13.4 करोड़ से अधिक लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी हैं। हालांकि MoHFW सभी COVID-19 टीकों की सुरक्षा पर निगरानी रखे हुए हैं।

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​कोविड के खिलाफ 91% कारगर स्पूतनिक वी

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने स्पूतनिक वी वैक्सीन को इमरजेंसी मंजूरी दी है, जिसे कोरोना के लक्षणों पर 91.6% प्रभावी पाई गई। जबकि भारत की कोवैक्सीन को 81% प्रभावी बताया जा रहा है। कोविशील्ड को वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जो 70.4% से अधिक प्रभावी बताई जा रही है।

किन लोगों को नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन

. तेज बुखार हो
. गर्भवती या प्रेगनेंसी प्लानिंग या ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाएं
. ब्लीडिंग डिसऑर्डर या एलर्जिक रिएक्शन हो तो
. इम्यून सिस्टम से संबधित दवाईयां लेने वाले लोग
. पहले कोई ओर वैक्सीन लगवाई हो तो

कोविशील्ड वैक्सीन की डोज कब-कब लगाई जाएंगी?

. 45 से अधिक उम्र वाले र अंडरलाइन हेल्थ वाले लोगों के अलावा अब 18 प्लस लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है। कोविशील्ड की पहली डोज के 6, 8 या 12 हफ्तों बाद दूसरी डोज दी जाएगी। अगर दूसरी डोज लेनी भूल जाए तो अपने डॉक्टर से संपर्क कर लें।

कब नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन?

मोनोहाइड्रेट, इथेनॉल, मैग्नीशियम क्लोराइड हेक्साहाइड्रेट, एल हिस्टीडीन हाइड्रोक्लोराइड, एल हिस्टीडाइन,  पॉलिजॉर्बेट 80, डिसोडियम एडिटेट डिहाइड्रेट, सुक्रोज, सोडियम क्लोराइड और इंजेक्शन के लिए पानी से एलर्जिक हो तो भी वैक्सीन ना लगवाएं।

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