बच्चे मन से सच्चे व बेहद संवेदशील होते हैं। वे अक्सर अपनी शरारतों व मस्ती से घर में रौनक बनाएं रखते हैं। मगर अक्सर बच्चे के साथ कुछ गलत होने पर वे गुमसुम से हो जाते हैं। वहीं कुछ बच्चे पेरेंट्स से इस बात को लेकर शिकायत करते हैं कि उदाहरण के तौर बस वाले अंकल उन्हें अच्छे नहीं लगते हैं। वे उन्हें जैसे पकड़ते हैं वे बच्चे पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में बच्चे परेशानी में आ जाता है। असल में, बच्चे गुड और बैड टच का सही मतलब समझ नहीं पाते हैं। इसके कारण कई बार वे शारीरिक व मानसिक शोषण के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता हैं कि वे अपने बच्चे को गुड और बैड टच के बारे में समझाएं। ताकि वे अच्छे से अपने बचपन का मजा ले सके।
बच्चे को समझाएं गुड टच और बैड टच?
अगर आपके बच्चे 5 साल से बड़े और स्कूल जाते हैं तो उन्हें गुड और बैड टच का मतलब बताएं। इसके लिए बच्चे को बताएं कि पेरेंट्स के अलावा कभी किसी के सामने कपड़े ना बदलें। बच्चे को गुड और बैड टच का मतलब बताते हुए समझाएं कि उनके प्राइवेट पार्ट्स को उनके अलावा कोई छू नहीं सकता हैं। इसे बैड टच कहते हैं। ऐसे में किसी के द्वारा उसे छूने पर तुरंत पेरेंट्स को आकर कहें। इसके अलावा स्कूल, पड़ौस, रिश्तेदार में भी कोई बच्चे को गलत तरीके से छूएं और इसपर बच्चे को बुरा लगे तो इसे बैड टच कहा जाएगा। इसके अलावा बच्चे से प्यार से बात करते हुए हाथ पकड़ना या छूए जिसपर उसे अच्छा लगे तो वह गुड टच कहलाएगा।
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बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में बताने के आसान तरीके
बच्चों का भरोसा जीते
सबसे पहले आपको (पेरेंट्स को) बच्चों का दिल जीतना होगा। इसके लिए आपको बच्चों को भरोसा दिलाना होगा कि आपके राज उनके पास सुरक्षित है। ऐसे में आपके बच्चे आपसे हर छोटी-बड़ी बात बिना झिझक के करेंगे।
आत्मविश्वास बढ़ाएं
बच्चों को छोटे-छोटे कामों में सफलता मिलने पर उसका हौंसला बढ़ाएं। उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं कि कुछ गलत होने पर उन्हें कैसे आवाज उठानी है। बच्चों को समझाएं कि उन्हें आपसे कोई बात छुपानी नहीं है।
बच्चे को उनकी बॉडी पार्ट्स के बारे में समझाएं
अपने बच्चों को समझाएं कि उनके प्राइवेट पार्ट्स उनकी बॉडी का एक हिस्सा हैं। इस जगह पर उनके अलावा कोई दूसरा हाथ नहीं लगा सकता है। इसके साथ ही बच्चे को समझाएं कि उनके प्राइवेट पार्ट्स को किसी के द्वारा छूने पर उन्हें ये बात छुपाने की जगह तुरंत पेरेंट्स को बतानी है।
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वीडियो दिखाकर बच्चे को समझाएं
बच्चों मन से बेहद ही कोमल और संवेदनशील होते हैं। ऐसे में कोई उनके साथ कुछ गलत भी करें तो कई बार वे उसे समझ नहीं पाते हैं। इसपर पेंरेट्स का फर्ज बनता हैं कि वे बच्चे को गुड और बैड टच का मतलब सिखाएं। इसके लिए आप उन्हें कोई कहानी सुना सकते हैं। इसके अलावा इंटरनेट का सहारा लेकर बच्चे को वीडियो दिखा सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों को ये सब चीजें समझने के लिए समय दें। इससे वे आपकी बातों को समझने में सक्षम होंगे।
स्कूल से आने के बाद बच्चों से उनका हाल-चाल पूछे
बच्चे के साथ स्कूल में कई तरह की बातें होती रहती हैं। ऐसे में उन्हें सिखाएं कि उन्हें स्कूल की हर बात आकर आपको बतानी है। इसके अलावा आप खुद भी बच्चों से स्कूल के बारे में पूछ सकते हैं। इसके लिए हर पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों के स्कूल से आने पर उनसे दिनभर का हाल पूछे। उनसे जाने की स्कूल में पढ़ाई, बच्चे के दोस्तों व किसी के द्वारा कुछ कहा तो नहीं आदि सवाल पूछें।