नवरात्रि के पावन दिनों की कल से शुरुआत हो गई है। पूरे नौ दिन के इस त्योहार में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखा जाता है। बता दें नवरात्रि में पूजा- पाठ करने के कई सारे नियम होते हैं, लेकिन इसमें सोलह श्रृंगार करने का भी अपना महत्व है। सुहागिन महिलाओं को तो सोलह श्रृंगार जरूर करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में....
हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं का श्रृंगार करना शुभ माना जाता है। इसलिए सुहागिन महिलाओं को हमेशा सजधज कर रहने की बात कही गई है। इसका संबंध स्टाइल से नहीं बल्कि आध्यातम से भी जुड़ा होता है।
ऋग्वेद में भी है सोलह श्रृंगार का उल्लेख
सुहागिन महिलाएं के सोलह श्रृंगार के महत्व के बारे में वेद ऋग्वेद में भी बताया गया है। ऋग्वेद में कहा गया है कि सोलह श्रृंगार ना सिर्फ सुहागिन महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाता है बल्कि किस्मत को भी चमकता है.....
नवरात्रि में करें ये सोलह श्रृंगार
महिलाएं इस दौरान श्रृंगार करते हुए 16 चीजों का इस्तेमाल करें, जिनका संबंध सुख- समृद्धि और सौभाग्य से होता है। इसमें लाल वस्त्र, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, मांग टीका, चूड़ी, काजल, बिछिया, नथ, अंगूठी, कमरबंद, मंगलसूत्र, झुमका और अंगूठी शामिल है।
नवरात्रि में सोलह श्रृंगार करने का महत्व
माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में अगर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है तो मां दुर्गा प्रसन्न होकर, उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान देती है। इसलिए जरूरी है कि नवरात्रि में सोलह श्रृंगार किया जाए, साथ ही मां दुर्गा को भी श्रृंगार का सामान अर्पित करें। वहीं इन दिनों में किसी सुहागिन महिला को श्रृंगार का सामान दान करना भी शुभ माना जाता है। इससे भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है।