आमलकी एकादशी पर आंवले की पेड़ की पूजा की जाती है। इस बार आमलकी एकादशी आज मनाई जा रही है। हिंदू पंचागों की मानें तो फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी कहते हैं। इस दिन विधि-विधान के साथ व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आमलकी एकादशी वाले दिन दान-पुण्य करने का भी खास महत्व बताया गया है। माना जाता है यदि इस दिन कोई व्यक्ति गरीब या जरुरतमंद व्यक्ति को दान देता है तो जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है लेकिन इस एकादशी का क्या महत्व है और इस दिन आंवले के क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं। आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं।
आमलकी एकादशी पर उत्पन्न हुआ था आंवले का वृक्ष
आमलकी एकादशी वाले दिन आंवले की पूजा का खास महत्व बताया गया है। पद्म पुराण के मुताबिक, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले दिन भगवान विष्णु की मुख से चंद्रमा के समान एक छोटा सा बिंदु पृथ्वी पर आकर गिरा था जिससे आमलकी यानी आंवला का वृक्ष उत्पन्न हुआ था। इसी कारण फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार, आंवले के पेड़ की जड़ में विष्णु, तने में शिव जी, सबसे ऊपर ब्रह्मा जी, शाखाओं में देवमुनि और टहनियों में देवता निवास करते हैं इसलिए आमलकी एकादशी का खास महत्व बताया गया है।
करियर में मिलेगी सफलता
यदि आप करियर में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो भगवान विष्णु को आंवला का भोग लगाएं। इससे करियर में आ रही सारी परेशानियां दूर होगी। भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें। फिर शिवलिंग पर आंवले के पत्ते चढ़ाएं। इससे तरक्की के रास्ते खुल सकते हैं।
वैवाहिक जीवन में आएगी शांति
यदि आपकी शादीशुदा जिंदगी में परेशानी आ रही है तो आमलकी एकादशी वाले दिन आंवले के पेड़ पर मौली बांधे और भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें। इसके बाद आंवले के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करके दीया जलाएं। इससे शादीशुदा जिंदगी में आ रही परेशानियां दूर होगी।
घर के कलेश से मिलेगा छुटकारा
यदि आपके घर में किसी तरह का कलेश रहता है तो आमलकी एकादशी वाले दिन आंवले को एक लोटे जल में डुबोकर रखें। फिर 7 बार ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें। फिर पानी पूरे घर में छिड़कें। इस उपाय को करने से घर में सुख-शांति आएगी।