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गलत तरीके से खाएंगे दवा तो थायराइड पर नहीं होगा कंट्रोल

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 13 Jan, 2020 02:21 PM
गलत तरीके से खाएंगे दवा तो थायराइड पर नहीं होगा कंट्रोल

थायराइड रोग आज तेजी से अपने पैर पसार रहा है, खासकर औरतों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है। हालांकि बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। हार्मोंनल गड़बड़ी के चलते थाइरायड (Thyroid) की समस्या अधिक देखने को मिलती है, जिसका कारण काफी हद तक गलत लाइफस्टाइल और डाइट भी है।

 

इसी सिलसिले में डॉक्टर रीतू नंदा से बातचीत की गई। तो चलिए जानते हैं थायराइड से जुड़ी कुछ जरूरी बातें...

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सबसे पहले जानते हैं कि थायराइड क्या है?

थायराइड गले में बटरफ्लाई आकार का एक एंडोक्राइन ग्लैंड होता है, जो मेटाबॉलिज्म, हार्ट फंक्शन, हड्डियों, स्किन और आंतड़ियों के फंक्शन के लिए जरूरी है। जब यह असंतुलित हो जाता है तो यह समस्या शुरु होने लगती है।

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सवाल: थायराइड में क्या-क्या लक्षण दिखते हैं?

जवाब: थायराइड दो तरह का होता है हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड। हाइपो थायराइड में मोटापा, कमजोरी, थकान लगना, डिप्रेशन, तनाव, नींद न आना, सिर दर्द या गर्दन में दर्द होना थायराइड का संकेत है। वहीं हाइपर थायराइड तब होता है जब यह प्रॉब्लम बढ़ जाती है। इसमें नर्वनेस, हाथ कांपना, धड़कन तेज होना जैसे लक्षण दिखाई देता है, जिसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।

सवाल: इंफर्टिलिटी पर क्या पड़ता है थायराइड का असर

जवाब: इंफर्टिलिटी पर थायराइड का बहुत असर पड़ता है। इसके कारण महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती। ऐसे में थायराइड पर कंट्रोल रखने के लिए दवा लेना बहुत जरूरी होता है। साथ ही डाइट, एक्सरसाइज व फिजिकल एक्टिविटी पर भी ध्याना देना जरूरी होता है।

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सवाल: किन महिलाओं को होती है अधिक समस्या

जवाब: मेनोपॉज और प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को थायराइड होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है क्योंकि इस दौरान उनके शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं। साथ ही बढ़ती उम्र, कार्बोहाइड्रेट्स न लेने, ज्यादा नमक या सी फूड खाना और हाशिमोटो रोग से ग्रस्त महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है। साथ ही शरीर में आयोडीन और विटामिन बी12 के कमी के कारण भी इसका खतरा बढ़ जाता है।

प्रेगनेंसी और थायराइड

जवाब: अगर प्रेगनेंसी में थायराइड है तो महिलाओं को अपनी सेहत पर खास ध्यान देना चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाओं को टाइम-टू-टाइम थायराइड का चेकअप करवाना चाहिए। साथ ही इसकी दवाई भी बढ़ती जाती है लेकिन इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है।

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सवाल: दवा कब तक और कैसे लें?

जवाब: हाइपो थायराइड की दवा सारी उम्र लेनी पड़ती लेकिन हाइपर थायराइड मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है। इसमें कभी तो दवा पूरी उम्र लेनी पड़ती है लेकिन कभी बीच में ही बंद कर दी जाती है।

सवाल: लाइफस्टाइल से क्या है क्नैक्शन

जवाब: बेशक थायराइड का एक कारण गलत लाइफस्टाइल है लेकिन ऑटो-इम्यून डिसीज वालों को इसका अधिक खतरा होता है।

सवाल: अगर थायराइड की समस्या है तो क्या करें?

जवाब: रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज के साथ-साथ योग जरूर करें। साथ ही डाइट में फल, सब्जियां आदि जरूर शामिल करें। विटामिन, मिनिरल्स, आयरन सप्लीमेंट्स अधिक लें। इसके लिए अलावा मैदा से बने प्रोडक्ट जैसे पास्ता, जंकफूड, मैगी, व्हाइट ब्रेड, सॉफ्ट ड्रिंक, अल्कोहल, कैफीन, रेड मीट, ज्यादा मीठी चीजें जैसे मिठाई, चॉकलेट से परहेज करें।

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याद रखें जरूरी बातें

थायराइड कोई बड़ी परेशानी नहीं है। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें और दवा समय पर लें तो इसे आसानी  से कंट्रोल किया जा सकता है। थायराइड की दवा खाली पेट खाएं और इसके आधे घंटे तक चाय, दूध का सेवन भी ना करें। आप चाहें तो पानी पी सकते हैं।

साथ ही तनाव मुक्त रहें और हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। याद रखें कि हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करके ही आप थायराइड को कंट्रोल कर सकती हैं।

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