अक्सर छोटे बच्चों में एक गलत और गंदी आदत देखी जाती है कि वो अपने पैरेंट्स या भाई-बहन में हाथ उठाते हैं और फिर हंसते हैं। शुरूआत में तो बच्चों की ये आदत बहुत क्यूट लगती है और कई बार लोग खुद ही बच्चों को मारने के लिए उकसाते हैं। मगर क्या आपको पता है कि बच्चे पहले तो ये काम मजे-मजे में करते हैं, लेकिन आगे चलकर ये उनके लिए घातक साबित हो सकता है, इससे उनका स्वभाव हिंसक हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि जब आपका बच्चा आपके ऊपर पहली बार हाथ उठाए तो उसी समय ऐसा कदम उठाएं, जिससे उसे उसकी आदत ना लगे....
क्यों मारते हैं बच्चे
आपको बता दें कि बच्चे इसलिए नहीं मारते क्योंकि वो आपको चोट पहुंचाना चाहते हैं बल्कि वो इसलिए ऐसा करते हैं क्योंकि उस वक्त उनमें इतने ज्यादा स्ट्रांग emotions होते हैं, जितना उनका impulse कंट्रोल नहीं कर सकता। आमतौर पर छोटे बच्चे खासकर 1.5 से 2 साल की उम्र में बच्चों में इस तरह की आदतें आना शुरू हो जाती हैं। इसका कारण यह है कि इस उम्र तक बच्चों में पसंद-नापसंद की समझा आ जाती है। ऐसे में कई बार अपने पसंद की चीज न मिलने या अपने पसंद की बात न होने पर बच्चों हाथ उठाते हैं और मारने लगते हैं।
बच्चे को समझाएं
बच्चे अपने आस-पास देखकर ही आदतें सीखते हैं। ऐसे में सबसे पहले जरूरी है कि घर के सदस्यों को बच्चों के सामने सही से पेश आना चाहिए। दूसरी जरूरी बात ये है कि जब भी आपका बच्चा आप पर हाथ उठाता है, आपको उसे उसी समय सामने बिठाकर या खड़ा करके कुछ बातें समझानी चाहिए। उन्हें प्यार से पूछें की, 'तुम ने मुझे मारा और मैं देख रहा हूं की तुम हंस रहे हो'।,'क्या तुम मुझसे कुछ कहना चाहते हो'? उनसे पूछे की, 'क्या तुम्हें मुझे मारकर Uncomfortable फील हो रहा है'? ये सारे सवाल सुनकर उन्हें महसूस होगा की उसकी इस हरकत से आपको ठेस पहुंची है और वो आगे से हाथ उठाने से पहले सोचेगा।
बच्चे पर गुस्सा न करें
अगर आपका बच्चा आपको मारता है, तो उस पर तुरंत गुस्सा न करें, बल्कि उसे प्यार से समझाएं । आप उसे अगर प्यार से समझाएंगे तो वो आसानी से समझ जाएगा कि मारना या हाथ उठाना अच्छी आदत नहीं है। बच्चे को बताएं की ये आदत गलत है और उन्हें ये हरकत किसी के साथ नहीं करना चाहिए।
बच्चे को बताएं कि हाथ उठाने की जगह वो क्या कर सकता है?
ये जानना भी बहुत जरूरी है कि आखिरकार उन्हें हाथ क्यों उठाया। इसका जो भी जवाब बच्चा आपको देता है, तो उसी समय बच्चे को बताएं कि वो हाथ उठाने या मारने की जगह किन तरीकों का इस्तेमाल उसी एक्सप्रेशन को सभ्य तरीके से जाहिर करने के लिए कर सकता है। जैसे अगर बच्चे को कोई बात बुरी लगी है, तो वो इसे बोलकर या इशारा करके बता सकता है। अगर बच्चा अटेंशन पाना चाहता है, तो वो कोई खास शब्द बोलकर या छूकर बता सकता है। बच्चे को सिखाएं कि वो अपनी गुस्से/नापसंदगी/परेशानी की भावनाओं को कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं।