19 वर्षीय पिस्टल शूटर मनु भाकर वह टोक्यो में 10 मीटर एयर पिस्टल और 25 मीटर एयर पिस्टल के अलावा 10 मीटर पिस्टल के मिश्रित टीम मुक़ाबले में सौरव चौधरी के साथ मैदान में उतरेंगी। जून के अंत में क्रोएशिया में ISSF World Cup के बाद आयोजित एक इंटरव्यू के दौरान मनु भाकर ने अपने खेलों के लिए अपनी तैयारियों के बारे में बताया।
इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उनकी ट्रेनिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरे कोच ही बताते हैं कि मुझे कब क्या चाहिए, इसके आधार पर योजना बनाते हैं। कभी हम 10 मीटर और कभी 25 मीटर पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। कुल मिलाकर, पहले 10 मीटर और बाद में 25 मीटर की ट्रेनिंग लेते है, लेकिन कभी-कभी हमें प्रतियोगिताओं की तरह सुबह सबसे पहले शूटिंग करने की आदत डालने के लिए भी पहले 25 मीटर शूट की तैयारी करते हैं।
जानें मनु कै बचपन से ही शूटिंग में कैसे आया रूझान
बचपन से ही शूटिंग में रूझान कैसे आया इस पर मनु भाकर ने बताया कि मुझे स्पोर्ट्स से प्यार है और मैंने कई अलग-अलग स्पोर्ट्स खेलने की कोशिश की है। शूटिंग उन गतिविधियों में से एक थी जिन्हें मैं बेहतरीन ढंग से करने की कोशिश करती हूं। इसके अलावा, मुझे प्रतियोगिताओं से प्यार है और कुछ अन्य खेलों में संदिग्ध परिणाम और पारदर्शिता की कमी का सामना करना पड़ा है, जो शूटिंग में नहीं होता है। यह एक बहुत ही पारदर्शी, मापने योग्य खेल है और मुझे बहुत सारी प्रतियोगिताओं की शूटिंग करने को मिलती है, इसलिए मैं इससे बहुत खुश हूं। अब समस्या यह है कि मैं इतनी सारी शूटिंग प्रतियोगिताएं कर रही हूं कि मुझे अन्य खेलों को आजमाने का समय ही नहीं मिलता और इसलिए शूटिंग को ही आगे बढ़ाया।
लाॅकडाउन में ट्रेनिंग को कैसे सफल बनाया
लाॅकडाउन में ट्रेनिंग को कैसे सफल बनाया इस पर मनु भाकर ने बताया कि पहले ओलंपिक को लेकर मोटीवेशन थी और प्रेरणा और निरंतरता थी। एक बार इसे स्थगित करने के बाद, मैंने खुद को एक ब्रेक दिया और कुछ अन्य फिटनेस गतिविधियां कीं, जो अंततः शूटिंग में भी मदद करेंगी। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ, भारतीय खेल प्राधिकरण और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट ने हमें घर पर 10 मीटर शूटिंग रेंज स्थापित करक दी। मैने सिर्फ इसके लिए आवश्यक सभी उपकरण प्राप्त करने में मदद की। इसके अलावा रखरखाव के चरण पर काम किया क्योंकि यह स्पष्ट नहीं था कि प्रतियोगिताएं कब होंगी। इसके अलावा लाॅकडाउन में मैंने इस समय का उपयोग एक पालतू कुत्ते को पालने में भी किया जिसे अब मैं बहुत प्यार करती हूं।
लाॅकडाउन में मेरे पेट व्हिस्की ने मुझे फिट रखने में मदद की
आपने वर्कआउट और खेल के लिए शारीरिक फिटनेस पर मनु ने बताया कि मैं कसरत में उतनी करती हूं जितनी मुझे मेरे खेल के लिए जरूरत है। इसके अलावा मैं शूटिंग के लिए कुछ खास ट्रेनिंग लेती हूं। लेकिन मेरी फिटनेस का मुख्य कारण कराटे और बॉक्सिंग जैसे अन्य खेल हैं जिसे मैं अपने खाली समय में करती हूं। इसके अलावा पिछले साल लाॅकडाउन में मैं मेरे पालतू डाॅग व्हिस्की के साथ खेल कर खुद को फिट रखने में कामयाब हुई हूं। मुझे कपड़े पसंद हैं और फिट बॉडी रखने का मतलब है कि मैं कुछ भी पहन सकती हूं। एक फिट शरीर मेरे आत्मविश्वास में इजाफा करता है और ओलंपिक के बाद, मैं नृत्य के विभिन्न रूपों को सीखूंगी। यह खुद को फिट रखने का एक बेहतरीन तरीका है।
मनु भाकर की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी
बतां दें कि मनु भाकर की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी साल 2018 के गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में मिला व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक है। मनु की तरह सौरव चौधरी भी 19 साल के युवा निशानेबाज़ हैं. वह भी छोटी उम्र के बड़े निशानेबाज़ हैं। सौरव टोक्यो ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में मनु भाकर के साथ मिलकर उतरेंगे। वो अभी तक आईएसएसएफ़ विश्व चैम्पियनशिप, विश्व कप, यूथ ओलंपिक गेम्स, एशियन एयरगन चैम्पियनशिप और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।