
नारी डेस्क: होली रंगों और प्रेम का त्योहार है, जिसे पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। परंपरा और मान्यता के अनुसार, सभी देवी-देवताओं को गुलाल अर्पित करने के बाद रंग खेलने की शुरुआत करनी चाहिए। इसके बाद घर में बड़े-बुजुर्गों को गुलाल लगाएं, इससे ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का भी आगमन हो सकता है। आइए जानते हैं होली खेलने के कुछ नियम।

भगवान श्रीकृष्ण और राधा को लगाएं रंग
होली का सबसे गहरा संबंध श्रीकृष्ण और राधा से है। कहा जाता है कि ब्रज में राधा-कृष्ण की होली खेली जाती थी और वहीं से यह परंपरा शुरू हुई। इसलिए, सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण, राधा रानी और बाल गोपाल को गुलाल अर्पित करना शुभ माना जाता है। पहले मंदिर में भगवान के चरणों में गुलाल चढ़ाएं और फिर परिवार में होली की शुरुआत करें।
घर के बड़े-बुजुर्गों का लें आशीर्वाद
भारतीय संस्कृति में बड़ों का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है। होली की शुरुआत घर के बुजुर्गों (दादा-दादी, माता-पिता, सास-ससुर) को अबीर-गुलाल लगाकर करनी चाहिए। इससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। हल्के गुलाल का तिलक लगाकर उनका आशीर्वाद लें।

गुरु और आचार्यों को दें सम्मान
गुरु का स्थान हमेशा उच्च माना गया है, इसलिए गुरुजनों को सम्मानपूर्वक सबसे पहले रंग लगाना चाहिए। इससे जीवन में ज्ञान, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। यदि संभव हो, तो गुरु के चरणों में गुलाल अर्पित करें और उनसे आशीर्वाद लें।

अपने जीवनसाथी और प्रियजनों के साथ मनाएं खुशियां
होली प्रेम का त्योहार है, इसलिए पति-पत्नी, भाई-बहन, दोस्तों और रिश्तेदारों को रंग लगाकर प्यार और खुशियों को साझा किया जाता है। पति-पत्नी सबसे पहले एक-दूसरे को रंग लगाकर प्रेम और विश्वास का इज़हार कर सकते हैं। गुलाल लगाते समयप्यार और सौहार्द की भावना रखें। होली सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन लोगों के साथ भी मनानी चाहिए जो जरूरतमंद हैं। किसी गरीब को रंग, मिठाई या कपड़े देकर **होली का असली आनंदलिया जा सकता है।