नारी डेस्क: आज के मॉडर्न युग में, जहां लोग दिनभर अपने घरों और डिजिटल दुनिया में उलझे रहते हैं, वजह से वे घरों में ही रहते हैं। बाहर की ताज़ा हवा और सुबह की धुप की पहली किरण दोनों ही नहीं मिलती हैं। जिसकी कारण विटामिन डी की कमी एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। पहले लोग अपने दिन का बड़ा हिस्सा धूप में बिताते थे, लेकिन अब होम डिलीवरी और डिजिटल लाइफस्टाइल ने हमें बाहर जाने की आदत को कम कर दिया है। विटामिन डी, जो कि एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरुरी होता हैं। यह शरीर के कई जरुरी तत्त्व को पूरा करता हैं।आपको बता दें कि विटामिन डी हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक नेचुरल सब्सटेंस है। जो हमें धूप से मिलता है। लेकिन आखिर क्यों होती है विटामिन डी की कमी। आज हम विटामिन डी की डेफिशियेंसी के बारे में बात करेंगे। जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर विटामिन डी की कमी से लोगों को क्या-क्या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती है। आज देश की लगभग 80 से 90 प्रतिशत आबादी विटामिन डी की डेफिशियेंसी से जूझ रही है। चलिए जानते हैं, विटामिन-डी की कमी से शरीर में क्या परेशानियां होती हैं और इसकी कमी को कैसे पूरा करना चाइए।
कैसे जानें कि आप विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं
विटामिन डी की कमी की पहचान करना महत्वपूर्ण है, ताकि आप समय पर उपचार कर सकें। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होती हैं शरीर कई तरह के संकेत देता हैं। जैसे थकान और कमजोरी यदि आप दिनभर थकान और ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं, तो यह विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है।
हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी भी विटामिन डी की कमी के लक्षण हो सकते हैं। यदि आप बार-बार बीमार पड़ते हैं या आपकी इम्यूनिटी कमजोर है, तो विटामिन डी की कमी इसके पीछे एक कारण हो सकता है।आपको बता दे की अगर व्यक्ति को घाव या किसी पररक की चोट हैं तो उस व्यक्ति का घाव जल्दी नहीं भरता। विटामिन डी की कमी से घाव और चोटें को ठीक होने में समय लग सकता हैं।
धूप में कम समय बिताना
शरीर में विटामिन डी की कमी होना सबसे बड़ा कारण हैं धुप में कम समय बिताना। खासकर सूर्य की अल्ट्रावायलेट बी (UVB) किरणें। जब आप धूप में पर्याप्त समय नहीं बिताते हैं, तो आपका शरीर विटामिन डी का निर्माण नहीं कर पाता। आजकल की जीवनशैली में लोग ज्यादातर घर के अंदर रहते हैं या धूप से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे विटामिन डी की कमी हो सकती है।
खानपान में कमी
विटामिन डी कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे कि फैटेड फिश (साल्मन, मैकेरल), अंडे, और डेयरी उत्पाद (दूध, पनीर)। अगर आपकी डाइट में इन खाद्य पदार्थों की कमी है, तो विटामिन डी की कमी हो सकती है। शाकाहारी आहार लेने वाले लोगों के लिए यह और भी समस्या का कारण हो सकता है, क्योंकि वे अक्सर विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोतों से दूर रहते हैं।
मोटापा
मोटे लोगों में विटामिन डी की कमी हो सकती है क्योंकि ज्यादा वसा विटामिन डी को शरीर में स्टोर कर लेती है, जिससे यह रक्त में कम मात्रा में उपलब्ध रहता है। मोटे लोगों को विटामिन डी की उच्च मात्रा की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि ज्यादा वसा के कारण शरीर की विटामिन डी की जरूरत बढ़ जाती है। ऐसे में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं, जैसे कि फैटेड फिश (साल्मन, मैकेरल), अंडे, और डेयरी प्रोडक्ट्स। इसके अतिरिक्त, विटामिन डी से युक्त फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
सनस्क्रीन का ज्यादा उपयोग
जिन लोगों की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील होती है या जो अक्सर सनस्क्रीन का उपयोग करते हैं, उनकी त्वचा पर सूर्य की किरणें ठीक से अवशोषित नहीं होतीं। सनस्क्रीन लगाने से विटामिन डी का उत्पादन कम हो सकता है। सनस्क्रीन का इस्तेमाल विटामिन डी के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। सनस्क्रीन की परत सूर्य की UV किरणों को रोकती है, जिससे त्वचा पर विटामिन डी का उत्पादन घट सकता है।
विटामिन डी की कमी को ठीक करना आवश्यक है, ताकि आप स्वस्थ रह सकें और अपनी जीवनशैली को सुधार सकें। आइए जानते हैं कि विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए कौन-कौन से प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं, ताकि आप इस महत्वपूर्ण पोषक तत्व की कमी को प्रभावी ढंग से अपने डाइट में शामिल कर सकें।
विटामिन डी की कमी को दूर करने के उपाय
ऑफिस में काम करते हैं या घर के अंदर अधिक समय बिताते हैं, तो धूप का समय निकालना आवश्यक है। पोषणयुक्त आहार का सेवन करें, साथ ही अपनी डाइट में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ शामिल
करें। जैसे :
1. फैटेड फिश साल्मन, मैकेरल, ट्यूना, और सर्दी की मछली।
2. अंडे: अंडे की जर्दी में विटामिन डी होता है।
3. डेयरी प्रोडक्ट्स दूध, दही, पनीर।
4. विटामिन डी से फोर्टिफाइड फ़ूड प्रोडक्ट्स जैसे कि विटामिन डी से युक्त अनाज और आटा।
5. फोर्टिफाइड संतरे का रस कई ब्रांड विटामिन डी से फोर्टिफाइड जूस प्रोवाइड करते हैं।
6. विटामिन डी सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। अगर आपकी विटामिन डी की कमी गंभीर है या आहार से पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन करें। ये आमतौर पर टैबलेट या कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होते हैं।
7. सही जीवनशैली अपनाएं
8. अच्छी नींद आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और शरीर की समग्र कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है।
9. अगर आप विटामिन डी की कमी के लक्षणों का सामना कर रहे हैं और घरेलू उपायों से राहत नहीं मिल रही है, तो एक चिकित्सक से सलाह लें। डॉक्टर आपके विटामिन डी के स्तर की जांच करेंगे और उचित
उपचार की सलाह देंगे।
इन उपायों को अपनाकर आप विटामिन डी की कमी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।