नारी डेस्क: प्रेग्नेंसी में महिलाओं का शरीर बहुत नाजुक होता है। इस समय उन्हें कई सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे पैरों में सूजन और कमर में दर्द तो बहुत कॉमन है। दरअसल, ऐसे प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने के कारण होता है, वहीं खराब बॉडी पॉश्चर भी इसका कारण हो सकता है। इसके लिए महिलाएं दवाएं भी लेती हैं, लेकिन आयुर्वेद ही इसका इलाज है। जी हां, कमर दर्द को दूर करने के लिए आप इन हर्बल ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यकीन मानिए, आपको बहुत फर्क नजर आएगा।
नीलगिरी तेल
नीलगिरी तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इस तेल की मालिश करने से आपको बहुत जल्द आराम मिलेगा और बैक पेन की समस्या भी दूर होगी। नीलगिरी तेल की 3-4 बूंदों को नारियल तेल में मिक्स करें और उसे कमर पर लगाकर 15 से 20 मिनटों तक मालिश करें। इस तरह आपको आराम मिलेगा और कमर दर्द जल्दी ठीक हो जाएगा।
जिंजर ऑयल
ये तेल बाजार में आसानी से मिल जाता है, लेकिन अगर आप घर पर जिंजर ऑयल तैयार करना चाहते हैं तो अदरक को घिसकर पेस्ट बना सकते हैं। इस पेस्ट को नारियल के तेल में डालकर गैस पर चढ़ाएं और अच्छी तरह से पकने दें। जब तेल में अदरक का अर्क जाएगा तो तेल को छानकर कंटेनर में भर लें। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कमर दर्द का कम करने में कारगार हैं।
अरंड के पत्तों का तेल
ये तेल कमर दर्द को जड़ से खत्म करने में मददगार है। इसे आप घर पर बड़े आसानी से बना सकती हैं। इसके लिए अरंडी के पत्तों को बादाम तेल में डालकर हल्की आंच पर गर्म कर लें। जब तेल में अरंडी के पत्तों का अर्क मिल जाए तो मिश्रण को ठंडा होने दें और उसके बाद छान लें। तेल को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके इस्तेमाल करें।
रोजमेरी ऑयल
इस तेल में एंटी- इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। इस तेल को लगाने से मांसपेशियों की सूजन और दर्द भी कम हो जाती है। रोजमेरी ऑयल को सीधा कमर पर न लगाएं। जैतून या बादाम के तेल के साथ इसकी 5- 6 बूंदों को मिलाएं। इसके बाद उंगलियों की मदद से कमर के हिस्से में सर्कुलर मोशन में मालिश करें। मालिश करने के कम से कम 30 मिनट तक उस हिस्से को ढक कर रखें।