सूर्य नमस्कार 12 योगासनों को मिलाकर बना है। सूर्य नमस्कार शुरू करने के कुछ ही समय में आप अपने अंदर अंतर महसूस करेंगे। 12 आसनों के दौरान गहरी सांस लेनी होती है, जिससे शरीर को फायदा पहुंचेगा ही, मन भी शांत बना रहेगा। आइए इसके फायदों पर एक नजर डालें...
पॉजीटिव एनर्जी मिलती हैं भरपूर
रोजाना नियम पूर्वक अगर आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं।दरअसल इसके 12 आसनों में ही आपको गहरी सांस लेनी होती हैं जो शरीर को फायदा पहुंचाती है।
सेहत से जुड़े कई लाभ
बेहतर पाचन तंत्र
सूर्य नमस्कार के दौरान पेट के अंगों की स्ट्रैचिंग होती है, जिससे पाचन तंत्र सुधारता है। कब्ज, अपच या पेट में जलन की शिकायत दूर होती है।
बॉडी में लचीलापन
सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन बना रहता है। स्ट्रेचिंग से रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
मासिक धर्म में लाभ
अगर किसी महिला को अनियमित मासिक चक्र की शिकायत है तो सूर्य नमस्कार के आसन करने से परेशानी दूर होगी।
स्किन करेगी ग्लो
सूर्य नमस्कार का चेहरे पर भी असर पड़ता है। इससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती है और स्किन में ग्लो आता है।
डिटॉक्टस
आसनों के दौरान सांस खींचने और छोड़ने से फेफड़ों को हवा पहुंचती हैं। कार्बन डाइऑक्साइड और बाकी जहरीली गैस से छुटकारा मिलता है, जिससे बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।
दूर रहेगी हर चिंता
सूर्य नमस्कार करने से स्मरण शक्ति में सुधार होता है। नर्वस सिस्टम शांत होता है, जिससे आपकी चिंता दूर होती है। सूर्य नमस्कार से एंडोक्राइन ग्लैंड्स खासतौर थॉयरॉयड ग्लैंड की क्रिया नॉर्मल होती है।
मजबूत होती है रीढ़ की हड्डी
सूर्य नमस्कार के दौरान स्ट्रैचिंग से मांसपेशी और लीगामैंट के साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। कमर में लचीलापन बढ़ता है। वजन कम करने में भी मदद मिलती है साथ ही मन भी शांत रहता है। सूर्य नमस्कार के आसनों को तेजी से किया जाए तो आपका बढ़िया कार्डियोवैस्कुलर वर्कआऊट हो सकता है।
सूर्य नमस्कार कौन ना करें...
- गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें।
- हर्निया और उच्च रक्तचाप के मरीजको सूर्य नमस्कार नहीं करने की सलाह दी जाती है।
- पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरु करने से पहले उचित सलाह जरूर लें।
- महिलाएं पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार और अन्य आसन न करें।