नारी डेस्क: हाथ की रेखाओं का अध्ययन, जिसे सामुद्रिक शास्त्र या पामिस्ट्री कहा जाता है, मान्यता के अनुसार व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं की जानकारी देता है। क्या आप जानते हैं कि हाथ की एक रेखा ऐसी भी होती है जो एक से ज्यादा विवाह के संकेत देती है। यह रेखा छोटी अंगुली (छोटी उंगली) और हृदय रेखा के बीच स्थित होती है। आइए, जानते हैं विवाह रेखा से जुड़ीं खास बातें।
हाथ की रेखा कैसे पहचानें
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार छोटी उंगली के नीचे और हृदय रेखा के ऊपर हाथ के बाहरी भाग से आरंभ होकर बुध पर्वत की ओर जाती हुई रेखा को 'विवाह रेखा' कहते हैं। यदि इस स्थान पर दो या अधिक रेखाएं साफ और समानांतर दिखाई देती हैं, तो इसे एक से अधिक विवाह का संकेत माना जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि सभी रेखाएं विवाह की हों। इनमें से कुछ रेखाएं प्रेम संबंधों या सगाई का संकेत भी हो सकती हैं।
मांगलिक दोष और हस्तरेखा
यदि विवाह रेखा नीचे की ओर झुकी हुई हो, तो यह वैवाहिक जीवन में समस्या या अलगाव का संकेत दे सकती है। वैवाहिक जीवन की समस्याओं से जुड़े संकेत ग्रहों की स्थिति से भी जुड़े हो सकते हैं, जिनका अध्ययन कुंडली के माध्यम से किया जाता है। यदि विवाह रेखा पर क्रॉस या कोई अन्य रेखा कट करती है, तो यह वैवाहिक जीवन में रुकावट या कष्ट का प्रतीक हो सकता है। यदि विवाह रेखा अस्पष्ट या टूटी-फूटी है, तो यह वैवाहिक जीवन में अस्थिरता का संकेत हो सकता है।
महत्वपूर्ण सलाह
पामिस्ट्री एक मान्य वैज्ञानिक पद्धति नहीं है। यह केवल सांस्कृतिक और परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। जीवन के निर्णय केवल हाथ की रेखाओं पर आधारित न लें। वैवाहिक समस्याओं का समाधान संवाद, परामर्श और समझदारी से निकालने का प्रयास करें। यदि आप इस विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो किसी विशेषज्ञ सामुद्रिक शास्त्री या ज्योतिषाचार्य से परामर्श करें।