हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। हर साल दिवाली के अगले दिन यह त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा आज यानी दिवाली के अगले दिन नहीं मनाई गई। 27 साल बाद ऐसा हुआ है कि गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं मनाई गई है। यह पूजा 26 अक्टूबर यानी कल मनाई जाएगी। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा।
1995 के बाद इस साल हुआ ऐसा
ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, ऐसी स्थिति पूरे 27 साल बाद बनी है। यहां दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं मनाई गई। आज पूरे भारत में साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगा है। दिवाली पूजा पर सूर्यग्रहण का कोई असर नहीं दिखाई दिया। वहीं दूसरी ओर 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इस दौरान भी बुध, गुरु,शुक्र और शनि अपनी-अपनी राशियों में ही विद्यमान होंगे। यह साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इसी कारण यह त्योहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। परंतु आज सूर्य ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को की जाएगी। वहीं दूसरी ओर प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर की शाम 4:18 पर शुरु होगी और अगले दिन यानी की 26 अक्टूबर सुबह 6:29 पर खत्म होगी। वहीं गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर के दिन सुबह 6:29 से लेकर सुबह 08:43 तक है।
ये है पूजा की विधि
26 अक्टूबर की पूजा से पहले ही आप घर में गोवर्धन पर्वत बना लें। इसके बाद ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, पूजा के दिन पर्वत के पास गाय, बछड़े को उस पर रखे जाते हैं परंतु यह परंपरा खत्म हो गई है। इसके बाद पर्वत की पूजा की जाती है। पर्वत को मूली, मिठाई और पूरी का भोग भी लगाया जाता है। गोबर की आकृति बनाकर पर्वत की परिक्रमा की जाती है। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। गोबर की आकृति पर चावल, रोली, मोली, सिंदूर, खीर आदि चीजें चढ़ाई जाती है। इसके बाद गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। पूजा करने के गोवर्धन की आरती भी की जाती है।