जीवन में हर कोई सफलता के साथ अच्छी सेहत की कामना करता है। असल में, शरीर तंदरुस्त होने से ही दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। ऐसे में हर काम अच्छे से करने की शक्ति मिलती है। मगर फिर भी बहुत बार सेहत से जुड़ी परेशानियां होती रहती है। ऐसे में अगर वास्तु के हिसाब से डेली रूटीन में कुछ बदलाव करने से सेहत को दुरुस्त रखा जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कुछ उपायों के बारे में...
सुबह सबसे पहले करें यह काम
सुबह जागने पर बेड से पैर सीधे जमीन पर रखने की जगह पहले धरती माता को छुकर नमस्कार करें। फिर घर की सभी खिड़कियां व दरवाजों को खोलें। इससे उगते सूरज की किरण घर के अंदर आएगी। इस तरह घर में मौजूद बैक्टीरियां दूर होकर पॉजीटिविटी का संचार होगा। साथ ही घर के सदस्यों की सेहत बरकरार रहेगी। इसके अलावा 11 बजे तक खिड़कियों व दरवाजों को बंद कर दें। असल में, इस समय सूरज से निकलने वाली तंरगें सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इससे स्किन के जुड़ी परेशानियां हो सकती है।
दीवारों पर ना हो सीलन
घर की दीवीरों पर सीलन होना बीमार होने की ओर इशारा करता है। इससे सांस व त्वचा से जुड़ी परेशानी हो सकती है। ऐसे में अगर कहीं भी सीलन होने लगे तो उसे पहले ही ठीक करवा लें। इसके अलावा वास्तु के अनुसार, सीलन घर में नकारात्मक ऊर्जा को फैलाने का काम करता है।
इस दिशा में सोना सही
सोने की सही दिशा ना होने पर मानसिक तौर पर दबाव पड़ता है। इसलिए सोने के समय कभी भी पैर दक्षिण और सिर उत्तर दिशा की ओर नहीं होने चाहिए। नहीं तो सिर में दर्द और रात को नींद ना आने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही व्यक्ति को तनाव हो सकता है।
ब्लड प्रेशर वाले इस दिशा में सोने से बचें
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की परेशानी है उनका बेडरूम घर की दक्षिण-पूर्व में नहीं होना चाहिए। असल में, यह दिशा आग्नेय कोण होती है। ऐसे में यहां पर सोने से ब्लड प्रेशर के बढ़ने का खतरा रहता है।
इस दिशा में सोएं गर्भवती महिलाएं
इस बात का ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं का कमरा घर की पूर्वोत्तर या ईशान कोण में न हो। नहीं तो इससे उन्हें गर्भपात का खतरा हो सकता है। ऐसे में इनके लिए हमेशा घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा उत्तम मानी जाती है। इसके साथ ही नवजात शिशु का कमरा पूर्व या फिर पूर्वोत्तर की ओर होना शुभ माना जाता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि सोने के दौरान शिशु का सिर कमरे की पूर्व दिशा में हो। असल में, घर की इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में यहां सोने से बच्चे में ऊर्जा का संचार होने के साथ बेहतर विकास होने में मदद मिलती है।
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