बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें तुरंत प्रैग्नेंसी कंसीव हो जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को गर्भधारण करने के लिए डॉक्टरी सहायता की जरूरत पड़ती है। ऐसा उनकी हैल्थ और शरीर से जुड़ी अन्य समस्याओं के चलते होता है। ऐसी महिलाओं को अपना खास ख्य़ाल रखने की जरूरत होती हैं। खासकर जब वह कंसीव कर लें तो प्रैग्नेंसी के पहले तीन महीने जोखिम भरे कहे जाते हैं इसलिए पहले तीन महीने में ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत होती हैं चलिए आपको आज के आर्टिकल में उन्हीं के बारे में बताते हैं।
पहला महीना गर्भवती और पेट में पल रहे भ्रूण के लिए अहम होता है क्योंकि महिला के शरीर में कई बदलाव होने शुरू हो जाते है। आपने खाने से लेकर सोने तक की दिनचर्या बच्चे पर प्रभाव डालती है इसलिए जरा सी लापरवाही भ्रूण के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
.सबसे पहले खान-पान की ओर गौर करें आपको ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना जो गर्भपात की वजह बन सकती हैं जैसे- सी फूड मछली, अनानास, पपीता, सहजन की फलियां, कलेजी, कच्चे अंडे, कच्चा मास, कच्ची सब्जियां, ऐलोवेरा वगैरह नहीं खाना चाहिए। प्रैग्नेंसी में पौष्टिक आहार खाएं। ज्यादा तला-भुना और मिर्च मसाले वाला भोजन ना खाएं। इससे आपको एसिडिटी और पाचन खराब की समस्या हो सकती है। बाहर का फास्ट फूड खाने से बचें। इससे आपको पेट में इंफेक्शन हो सकता है।
.इस दौरान बहुत सी महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस महसूस होती है ऐसे में डॉक्टरी सलाह से आप सप्लीमेंट्स व दवा ले सकते हैं। ज्यादा देर तक खाली पेट रहने से बचें। कोशिश करें कि वो थोडे-थोडे अंतराल पर कुछ-कुछ खाती रहें और फल, नारियल पानी या ग्लूकोज मिला पानी, फलों का जूस आदि लेती रहें। भरपूर पानी पीएं और फाइबर फूड्स खाएं। इस दौरान किसी भी तरह का तनाव लेने से बचें और नींद पूरी लें।
.शुरुआती प्रैगनेंसी में ज्यादा झुकने और भारी चीजों को उठाने से बचें क्योंकि इससे गर्भपात होने का खतरा बना रहता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में किसी भी महिला को ज्यादा भीड़-भाड़, प्रदूषण और रेडिएशन वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।
. किसी भी तरह की मादक चीजों का सेवन ना करें जैसे एल्कोहल-स्मोक। इसी के साथ ज्यादा चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थ भी ना लें क्योंकि इससे आपको एसिडिटी सीने में जलन जैसी समस्या हो सकती हैं।
. प्रैग्नेंसी की पहली तिमाही में भ्रूण अस्थिर होता है इसलिए गर्भपात का खतरा भी अधिक रहता है। ज्यादा देर एक जगह पर ही बैठे रहने, खड़े रहने या लंबा सफर करने से भी बचें। बार-बार झटके लगने और सफर की थकान भी गर्भवती के लिए हानिकारक हो सकती है।
. प्रैग्नेंसी के पहले तीन महीने आपसी संबंध बनाने से भी बिलकुल परहेज करें। इस बारे में अपनी डॉक्टर से आगे के महीनों के लिए भी परामर्श लें।
. ब्लड शुगर, ब्लड की जांच व खून की कमी संबंधित टेस्ट जरूर करवाएं ताकि आपको पहले से इससे जुड़ी अगर कोई समस्या है तो उसकी जानकारी हो।
याद रखिए कि इन 3 महीनों में बच्चे के भ्रूण का विकास होता है और अंग बनने शुरू होते हैं इसलिए आपका ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार खाना और आराम करना बहुत जरूरी है।हल्की-फुल्की सैर करेंं इससे आपकी बॉडी एक्टिव रहेगी।