अफगानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद से वहां की स्थिति बेहद खौफनाक बनी हुई है जिसके चलते अब तक लाखों लोग अफगान छोड़ अन्य देशों में शरण ले चुके हैं। वहीं हाल ही में एक महिला पत्रकार तालिबानी का इंटरव्यू लेकर खूब सुर्खियों में आई थी वहीं अब खबर है कि महिला पत्रकार बेहेस्ता अर्गांड भी देश छोड़ कर भाग गई हैं।
पिछले दिनों उन्होंने तालिबान के एक नेता का इंटरव्यू करके सनसनी फैला दी थी। बेहेस्ता ने बिना किसी डर के तालिबान के इस नेता से तीखे सवाल पूछे थे।
तालिबान के डर के चलते महिला एंकर ने छोड़ा देश
एक रिपोर्ट के मुताबिक बेहेस्ता ने तालिबान के डर के चलते देश छोड़ दिया है। बेहेस्ता ने कहा कि लाखों अफगानी की तरह उन्हें भी तालिबान का डर लगता है। चैनल के मालिक साद मोहसेनी ने कहा है कि तालिबान के आने के बाद से उनके कई एंकर और रिपोर्ट छोड़ कर चले गए हैं।
नौवीं कक्षा में पत्रकार बनने का फैसला किया था
बेहेस्ता अर्गांड ने न्यूज़ चैनल में सिर्फ एक महीना 20 दिन काम किया। उन्होंने कहा कि मैंने नौवीं कक्षा में पत्रकार बनने का फैसला किया था। मैंने चार साल तक काबुल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता की पढ़ाई की। उन्होंने कई समाचार एजेंसियों और रेडियो स्टेशनों में थोड़े समय के लिए काम किया, फिर इस साल की शुरुआत में एक प्रस्तुतकर्ता के रूप में न्यूज़ चैनल में शामिल हुईं।
यदि तालिबान वही करते हैं जो उन्होंने कहा था तो स्थिति बेहतर हो जाती
तालिबानी नेता यूसुफज़ई का इंटरव्यू करने के बाद उन्होंने कहा कि यदि तालिबान वही करते हैं जो उन्होंने कहा था तो स्थिति बेहतर हो जाती है। मुझे पता है कि मैं सुरक्षित हूं और मेरे लिए कोई खतरा नहीं है, तभी मैं अपने देश वापस जाऊंगी और अपने देश के लिए काम करूंगी।
अफगानिस्तान में हालात दिन-प्रतिदिन और बिगड़ते जा रहे हैं
बता दें कि जब से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ है तब से वहां रहने वाले लोगों पर कई तरह की मुसीबतें आ रही है। अफगानिस्तान में हालात दिन-प्रतिदिन और बिगड़ते जा रहे हैं। इसी बीच वहां के उच्च शिक्षा मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री के रूप में नियुक्त किए गए अब्दुल बकी हक्कानी ने एक बड़ा एलान किया है। अब्दुल बकी हक्कानी ने लड़कियों के पढ़ाई को लेकर एक फरमान जारी किया है, जिसे वहां रहने वाली हर लड़की को मानना होगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल बाकी हक्कानी ने लड़कियों और लड़कों के एक साथ पढ़ने पर रोक लगा दी है, दोनों के लिए अब अलग-अलग क्लास रूम होंगे। हक्कानी ने कहा कि अफगान लड़कियों को सुरक्षित रखने के लिए हमने यह तरीका अपनाया है। इसके साथ ही लड़कियों को कोई पुरुष टीचर द्वारा भी नहीं पढ़ाया जाएगा।