हिंदू धर्म में कई सारे पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक छठ का पर्व भी है। यह पर्व उत्तर प्रदेश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार छठ का पर्व 28 अक्टूबर यानी की शुक्रवार से शुरु होने वाला है। यह व्रत 4 दिनों तक चलता है। पंचागों के अनुसार, छठ की पूजा कार्तिक महीने की शुक्ल चतुर्थी तिथि को की जाती है। 4 दिनों तक अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ यह पर्व मनाया जाता है। अंतिम दिन में सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। छठ का व्रत और पूजा थोड़ी कठिन भी होती है। इसलिए यदि आप पहली बार व्रत रख रही हैं तो इन बातों का ध्यान रखें। चलिए जानते हैं ऐसी बातें जिनका आपको व्रत के पहले ध्यान रखना चाहिए...
व्रत के चार दिन
छठ पूजा चार दिनों तक चलती है। जिसमें पहले दिन नहाय खाय होता है जो इस बार 28 अक्टूबर को होगा। दूसरे दिन खरना होता है जो 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। तीसरे दिन 30 अक्टूबर को संध्याकालीन अर्घ्य दिया जाता है और आखिरी दिन यानी की 31 अक्टूबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।
ये है पूजा के नियम
. इस व्रत की शुरुआत पहले दिन यानी की नहाय-खाय से होती है। नहाय-खाय वाले दिन व्रत रखने वाली महिलाएं कद्दू और भात के रुप में भोजन का सेवन करती हैं।
. दूसरे दिन खरना होता है। इस दिन मां छठी और सूर्य देव के लिए प्रसाद तैयार किया है। प्रसाद बनाने की सामग्री भी घर में ही तैयार की जाती है। जैसे - गेंहू को धोना, पीसना इत्यादि। प्रसाद बनाते समय भी पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है।
. व्रत के तीसरे दिन अस्ताचलगामी में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। पूजा में भी अलग-अलग तरह के फल चढ़ाए जाते हैं।
. छठ पूजा के आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं। व्रत के आखिरी दिन भी शुद्धता का भी बहुत ही ध्यान रखा जाता है।