आईटी कंपनी इंफोसिस में नौकरी पाने के लिए जहां लोग दिन- रात मेहनत करते हैं वहीं एक शख्स ने उस कंपनी की नौकरी छोड़कर खेती करने का फैसला लिया। हालांकि इस रास्ते में चलने के लिए उन्हें परिवार वालों का बिल्कुल भी साथ नहीं मिला, इसके बावजूद तमिलनाडु के विग्नेश की मंहनत रंग लाई आज उन्होंने वो मुकाम हासिल कर लिया है जिसकी उम्मीद उनके परिवार को तो बिल्कुल भी नहीं थी।
तमिलनाडु के 28 वर्षीय वेंकटस्वामी विग्नेश का परिवार तमिलनाडु में खेती से जुड़ा हुआ था, इसके चलते उनकी रुचि अपनी जॉब से हटकर खेती कि तरफ बढ़ रही थी। विग्नेश ने एक इंटरव्यू में बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनको खेती में बहुत मज़ा आने लगा और उन्हें अपने खेतो में काम करके बहुत ही ख़ुशी मिलती थी। इसी बीच उन्हें चेन्नई के एक इंस्टिट्यूट के बारे में पता चला जो जापानी भाषा और जापानी संस्कृति के बारे में सिखाते हैं।
विग्नेश ने देर ना लगाते हुए इस इंस्टिट्यूट को join कर लिया। उन्होंने एक खेत में बैंगन की खेती सिखने के लिए 6 महीने तक काम किया। जापान जाते ही उनकी नौकरी एक बैंगन के खेत में लग गई। उन्होंने बताया कि उनकी कमाई भारत की जॉब की तुलना में दुगनी होगयी थी । उनके रहने का खर्चा भी जापान वाली कंपनी ही देखती है और ऐसे में उनके पास पैसे की बचत हो रही थी।
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री के डायरेक्टर सौगता रॉय चौधरी का कहना है कि जापान में खेती करने के लिए बहुत कम खेत बचे है जिसकी वजह से वहां पर प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए बहुत बढ़िया टेक्नोलॉजी यूज़ की जाती है। उनका कहना है कि खेत कम होने के बावजूद भी जापान का प्रति एकड़ यील्ड भारत से बेहतर है। वह चाहते है कि विग्नेश ने जो जापान में खेती करके उनके तरीको के बारे में सीखा है वह भारत में आकर उन तरीको के बारे में सबको सिखाये और भारत के प्रति एकड़ यील्ड को बढ़ाने में मदद करे।