
नारी डेस्क: महाकुंभ का छठा और आखिरी प्रमुख स्नान पर्व बुधवार को महाशिवरात्रि के साथ संपन्न हो जाएगा। इस अंतिम स्नान पर्व के लिए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। सोमवार को अफसरों ने मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अंतिम स्नान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए।
एकादशी और महाशिवरात्रि के संयोग ने बढ़ाई श्रद्धालुओं की भीड़
महाशिवरात्रि से दो दिन पहले सोमवार को एकादशी का संयोग मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का हुजूम लेकर आया। भोर से ही लोग गंगा, यमुना और सरस्वती की पवित्र धाराओं में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े। प्रशासन के अनुसार, सोमवार को 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जिससे महाकुंभ में स्नान करने वालों की कुल संख्या 63.36 करोड़ तक पहुंच गई है।
स्थानीय श्रद्धालुओं का भी बढ़ा हुजूम
अब मेला क्षेत्र में न केवल दूर-दराज से आए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, बल्कि शहर के लोग भी स्नान के लिए बढ़-चढ़कर आ रहे हैं। जिन स्थानीय लोगों को पहले किसी कारणवश स्नान का मौका नहीं मिल पाया था, वे अब मेला क्षेत्र में आ रहे हैं। जीटी जवाहर चौराहे पर सबसे ज्यादा वाहनों की भीड़ देखी जा रही है, क्योंकि लोग जानते हैं कि महाकुंभ का यह आखिरी मौका है, और वे इस पुण्य अवसर को छोड़ना नहीं चाहते।
प्रशासन ने किया आवागमन पर खास ध्यान
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ और आवागमन में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो, इसके लिए पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 और 26 फरवरी को व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए निर्देश दिए थे। इसके बाद मेला प्रशासन ने बैठक कर सभी जरूरी कदम उठाए हैं। डीएम मेला विजय किरन आनंद ने अफसरों को जोनल प्लान लागू करने के निर्देश दिए हैं ताकि श्रद्धालुओं का आवागमन निर्बाध तरीके से जारी रहे।

पार्किंग और यातायात व्यवस्थाओं की तैयारी
25 और 26 फरवरी को मेला क्षेत्र की सभी पार्किंग को पहले भरा जाएगा, उसके बाद ही शहर की पार्किंग का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रशासन का प्रयास है कि स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। पार्किंग की व्यवस्था और यातायात नियंत्रण को लेकर भी अफसरों ने आवश्यक कदम उठाए हैं।
इस प्रकार महाकुंभ के आखिरी स्नान पर्व के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और श्रद्धालु अब इस पुण्य अवसर का लाभ उठाने के लिए मेला क्षेत्र में पहुंच रहे हैं।