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दहेज की मांग पर बहादुर बेटी ने शादी से किया इनकार, दूल्हे सहित पांच गिरफ्तार!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 14 Nov, 2024 02:57 PM
दहेज की मांग पर बहादुर बेटी ने शादी से किया इनकार, दूल्हे सहित पांच गिरफ्तार!

नारी डेस्क: नीमकाथाना के लाम्बा की ढाणी में एक बहादुर बेटी का साहसिक कदम पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया। शादी की रस्में पूरी होने के बाद दूल्हे विक्रम सिंह ने दहेज में 5 लाख रुपये और एक बुलेट मोटरसाइकिल की मांग की। इस मांग ने दुल्हन मंजू जाखड़ को झकझोर कर रख दिया, और उसने दहेज की इस अवैध और अपमानजनक मांग का सख्ती से विरोध करते हुए शादी से इनकार कर दिया।

शादी के दौरान बढ़ी विवाद की जड़

मंजू और विक्रम का विवाह 12 नवंबर को संपन्न हुआ था, जिसमें रस्मों की शुरुआत से लेकर स्टेज पर पंहुचने तक सभी विधियां सामान्य रूप से चल रही थीं। फेरों के बाद, जब जूते की रस्म चल रही थी, तभी दूल्हे के पिता ने दुल्हन के परिवार से 11,000 रुपये की मांग की, जो जल्द ही बढ़कर 5 लाख रुपये और एक बुलेट बाइक तक पहुंच गई। इसके साथ ही, विक्रम सिंह ने न केवल मंजू से बल्कि शादी में मौजूद अन्य महिलाओं और लड़कियों से भी बदसलूकी की। विक्रम और उसके परिवार द्वारा गाली-गलौच और दुर्व्यवहार के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया।

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मंजू का साहसिक फैसला

दूल्हे और उसके परिवार का यह व्यवहार मंजू के लिए असहनीय हो गया। उसने दूल्हे की इस दहेज की मांग और परिवार की अभद्रता का विरोध करते हुए शादी से इनकार कर दिया। मंजू के इस फैसले ने न केवल उसकी बल्कि उसके परिवार की प्रतिष्ठा और साहस का उदाहरण पेश किया।

पुलिस की कार्रवाई

मामला बढ़ता देख, यह विवाद थाने तक पहुंचा। मंजू ने पुलिस में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई। कोतवाली थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दूल्हा विक्रम सिंह, उसके पिता करण सिंह और अन्य तीन लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। कोतवाल हरिनारायण मीणा ने बताया कि पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।

दूल्हे के पिता का पक्ष

दूल्हे के पिता करण सिंह ने अपने बेटे के बंधक बनाए जाने का आरोप लगाते हुए यह भी दावा किया कि विवाद केवल जूते की रस्म के दौरान हुए पैसों की मांग को लेकर हुआ था। हालांकि, इस मुद्दे पर लड़की पक्ष का कहना है कि यह सिर्फ पैसे की नहीं, बल्कि दहेज की मांग और दूल्हे के परिवार के दुर्व्यवहार का मामला है।

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मंजू का साहस समाज के लिए एक मिसाल

मंजू का यह साहसिक कदम आज के समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त संदेश है। दहेज जैसी कुप्रथा समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव और अन्याय को बढ़ावा देती है। मंजू का यह निर्णय उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो दहेज की मांग को अपने आत्म-सम्मान के खिलाफ मानते हैं।

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मंजू जाखड़ ने जिस साहस और आत्मसम्मान का परिचय दिया, वह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। इस घटना ने यह भी साबित किया कि महिलाएं अब किसी भी अन्याय को सहन करने के बजाय खुद के अधिकारों के लिए खड़ी हो रही हैं। दहेज की इस कुप्रथा के खिलाफ मंजू का विरोध उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपनी बेटियों के आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता के लिए खड़े होना चाहते हैं।

मंजू का यह कदम समाज में एक नई जागरूकता लाने में मदद करेगा, जहां दहेज जैसी प्रथा का विरोध करना हर परिवार के लिए एक नैतिक जिम्मेदारी बन जाए।

 

 

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