भगवान शिव का प्रिय महीना सावन आ गया है। इस महीने में भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त सोमवार के दिन उपवास भी करते हैं। इस महीने में मंदिरों में भी खूब भीड़ देखने को मिलती है। कुंवारी कन्याएं भोलेनाथ को प्रसन्न करके मनचाहे वर की प्राप्ति करती हैं तो वहीं विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। परंतु यदि व्रत पूरे नियमानुसार रखा जाए तो ही इसका पर्याप्त फल मिलता है। तो चलिए बताते हैं कि आपको यह व्रत कैसे रखना चाहिए...
कब खोलें व्रत?
सावन का पहला व्रत 18 जुलाई को था, जबकि दूसरा व्रत 25 जुलाई को पड़ रहा है। यह व्रत निर्जला नहीं होता। इस दिन आप सुबह स्नान आदि से निवृत होकर शिव जी और मां पावर्ती की पूजा करके व्रत खोल सकते हैं। कुछ लोग सारा दिन व्रत करके सुबह और शाम दोनों समय पूजा करके ही व्रत खोल सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, सुबह और शाम को पूजा करके ही व्रत का पूरा करना चाहिए।
व्रत का महत्व
सावन सोमवार व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का भी बहुत ही महत्व होता है। मान्यता है कि जो लोग यह व्रत रखते हैं उन्हें इस दिन भोलोनाथ का जलाभिषेक भी पूरे विधि-विधान के साथ करना चाहिए। इससे भोलेनाथ उन पर अपनी कृपा बनाकर रखते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने अपने प्राण त्याग देने के बाद दोबारा से जन्म लिया था। दोबारा उन्होंने भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए माता पावर्ती ने कई वर्षों तक सावन सोमवार का व्रत रखा था। उन्हें पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। व्रत के फल स्वरुप उनका विवाह भगवान भोलेनाथ से हो गया था। इसलिए कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें
सोमवार के दिन पूजा करते समय शिवलिंग को जल तो चढ़ाया ही जाता है। लेकिन यदि आपके विवाह में देरी हो रही है तो आप इस दिन शिवलिंग पर केसर वाला जल जरुर चढ़ाएं। इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होंगे और आपकी शादी के भी जल्दी योग बनेंगे। इसके अलावा कुमकुम, केतकी का फूल, हल्दी और नारियल पानी भी जरुर चढ़ाएं।