ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री व्रत के साथ ही शनि जयंती भी मनाई जाती है। क्योंकि इसी दिन भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है कि अच्छे कर्म करने वालों पर शनि देव की सदैव कृपा बनी रहती है और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। जबकि बुरे कर्म करने वाले व्यक्ति को शनिदेव कठोर दंड देते है। शनिदेव की कुदृष्टि से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि जयंती के दिन कुछ उपायों को करने से शनिदेव प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं तो वहीं कुछ कार्य ऐसे हैं जिनको करने से वे रुष्ट हो सकते हैं,ऐसे कार्यों को इस दिन भूलकर भी न करें। तो चलिए जानते है उनके बारे में।
शनि जयंती के दिन न करें इन चीजों का सेवन
1 इस दिन दूध का सेवन बिल्कूल भी न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि दूध का संबंध शुक्र से है जो इच्छा के कारक हैं। बता दें कि शनिदेव आध्यात्म से जुड़े हुए हैं। इसलिए दूध का सेवन करने से बचें। ऐसा करने से आपके वैवाहिक जीवन में परेशानी आ सकती है।
2 खाना बताने समय लाल मिर्च का सेवन न करें। अगर आप ज्यादा तीखे पदार्थ का सेवन करते है तो आपके जीवन में कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो सकती है। साथ ही व्यक्ति को शनिदेव का क्रोध झेलना पड़ सकता है।
3 मांसाहार, तामसिक भोजन व मदिरा इत्यादि जैसे चीजों से दूरी बनाएं। क्योंकि यह सभी राक्षसी प्रवृत्ति के खाद्य पदार्थ हैं। शनि जयंती के दिन इन चीजों का सेवन करने से शनिदेव क्रोधित हो सकते हैं और व्यक्ति की कुंडली में शनिदोष का भय बढ़ जाता है।
4 इस दिन पूजा-पाठ के बाद मसूर दाल का सेवन करने से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि मसूर दाल का रंग लाल होता है और इसका संबंध मंगल ग्रह से है। इसके सेवन से व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का हो जाता है। ऐसे में शनिदेव के क्रोध से बचने के लिए मसूर दाल का सेवन भूलकर भी न करें।