राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को अप्रत्याशित सफलता मिली जब लॉन बॉल में भारतीय महिलाओं की ‘गुमनाम’ चौकड़ी ने फाइनल में पहुंचकर ऐतिहासिक पदक पक्का कर लिया जबकि जूडो में भारत की झोली में दो पदक आये । भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने महिला फोर्स (चार खिलाड़ियों की टीम) स्पर्धा के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 से हराया । भारतीय टीम पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में महिला फोर्स प्रारूप के फाइनल में पहुंची है।
लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकेंड), नयनमोनी सेकिया (थर्ड) और रूपा रानी टिर्की (स्किप) की भारतीय महिला फोर्स टीम स्वर्ण पदक के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगी। वहीं भारतीय जूडो खिलाड़ी एल सुशीला देवी और विजय कुमार यादव ने क्रमश: महिलाओं के 48 किलो और पुरूषों के 60 किलो वर्ग में यहां रजत और कांस्य पदक अपने नाम किये ।
सुशीला को फाइनल में बेहद करीबी मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की मिशेला वाइटबूइ ने 4.25 मिनट में हराया। चार मिनट के नियमित समय में दोनों जूडो खिलाड़ियों कोई अंक नहीं बना पाए थे। वाइटबूट ने इसके बाद गोल्डन अंक जुटा कर मुकाबला जीत लिया। सुशीला ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2014 में भी रजत पदक जीता था । जीत के बाद महिला खिलाड़ी ने कहा- यहां आने से पहले मुझे दाहिने अंगूठे में चोट लगी थी और तीन चार टांके आये थे। लेकिन मैं मानसिक रूप से मजबूत थी और मैने फाइनल में पहुंचने के लिये पूरा जोर लगाया । चोट नहीं होती तो स्वर्ण जीत जाती । सुशीला ने इससे पहले सेमीफाइनल में मॉरीशस की प्रिसिला मोरांड को इप्पोन को शिकस्त देकर अपना पदक पक्का किया था। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में मालावी की हैरियट बोनफेस को हराया था ।
सुशीला इससे पहले भी राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीत चुकी हैं। सुशीला राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा 2019 साउथ एशियन गेम्स में 48 किलोग्राम भारवर्ग में ही स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने जूडो में भारत के लिए एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। ओलंपिक में उन्होंने महिलाओं की 48 किग्रा इवेंट में हिस्सा लिया और पहले ही दौर में ही बाहर हो गई थीं।