जहां वैज्ञानिक दिन रात कोरोना की वैक्सीन बनाने की कोशिश चल रही हैं वहीं डॉक्टर्स दवाओं के जरिए कोरोना मरीजों को ठीक करने में लगे हुए है। इसी बीच वैज्ञानिकों ने कोरोना को हराने के लिए कोवाक्स प्लान (Covax Plan) तैयार किया है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह योजना और कोरोना को रोकने में कैसे आ सकती है काम।
क्या सबसे ताकतवर देश को सबसे पहले मिलेगी वैक्सीन
दरअसल, अमेरिका व ब्रिटेन में का तीसरा ट्रायल पूरा हुए बिना ही लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की तैयारी चल रही है। वहीं, चीन में तो बिना ट्रायल की लोगों को वैक्सीन लगा दी गई है। ऐसे में आंशकाएं पनप रही है कि क्या दुनिया के सबसे ताकतवर देशों को वैक्सीन सबसे पहले मिल जाएगी।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए 'कोवाक्स प्लान' तैयार किया गया है, जिसका संचालन GAVI, WHO और CEPI साथ मिलकर करेंगे। करीब 70देशों ने कोवाक्स प्लान को मंजूरी दे दी है, जिसमें जर्मनी, नार्वे और जापान भी शामिल है।
क्या है कोवाक्स प्लान?
इस योजना के तहद वैक्सीन उन कोरोना मरीजों को पहले लगाई जाएगी, जो अधिक खतरा में है। हालांकि GAVI, WHO और CEPI सभी देशों के साथ मिलकर इसपर विचार कर रहे हैं। इस समन्वित समूह का कहना है कि कोरोना वैक्सीन जरूरतमंद लोगों को सबसे पहले मिलनी चाहिए वो भी सही कीमत पर। समूह में शामिल हुए करीब 90 देश अपने बजट में से वैक्सीन खरीदेंगे, जिन्हें जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा।
हालांकि अमेरिका ने GAVI, WHO और CEPI की इस योजना पर आपत्ति जताई है, जिसकी वजह से वह इस योजना से बाहर है। योजना में शामिल होने की आखिरी तारीख 18 सितंबर होगी। कोवाक्स प्लान के जरिए 2021 के अंत तक लोगों को करीब 2 अरब कोरोना डोज उपलब्ध करवाने का लक्षय तय किया गया है।