
नारी डेस्क: भोपाल में इस बार बकरीद से पहले एक अनोखा और चर्चा में रहने वाला प्रयोग देखने को मिला। हिंदू संगठनों ने इको-फ्रेंडली बकरीद मनाने की अपील की है और पशु बलि के खिलाफ एक अलग ही अंदाज में संदेश देने की कोशिश की।
‘संस्कृति बचाओ मंच’ नाम के हिंदू संगठन ने बकरीद पर जानवरों की बलि के विरोध में एक अनोखा आयोजन किया। उन्होंने मिट्टी के बकरे बनवाए और उन्हें प्रतीकात्मक रूप से कुर्बान किया ताकि यह संदेश दिया जा सके कि धार्मिक परंपराओं को बिना हिंसा के भी निभाया जा सकता है।

मिट्टी के बकरे सिर्फ ₹1000 में
इस संगठन ने दावा किया कि उन्होंने मिट्टी के सुंदर बकरे तैयार करवाए हैं, जिन्हें ₹1000 में बेचा गया। ये बकरे पूरी तरह से इको-फ्रेंडली हैं और उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं, बल्कि हिंसा-मुक्त विकल्प पेश करना है।
क्या कहा संगठन ने?
संगठन के एक सदस्य ने कहा- “हमारा मकसद किसी धर्म या परंपरा का विरोध करना नहीं है। हम सिर्फ ये बताना चाहते हैं कि कुर्बानी की भावना को प्रतीकात्मक रूप से भी व्यक्त किया जा सकता है। जैसे होली में हर्बल रंग और दिवाली में बिना पटाखों के त्योहार मनाए जा सकते हैं, वैसे ही बकरीद को भी इको-फ्रेंडली बनाया जा सकता है।”
कहां हुआ यह आयोजन?
यह आयोजन भोपाल के एक प्रमुख सार्वजनिक स्थान पर किया गया, जहां मिट्टी के बकरों की प्रतीकात्मक कुर्बानी दी गई। इस आयोजन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही हैं, और इसे लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

हिंदू संगठन ने पशु बलि के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से संदेश देने का प्रयास किया। मिट्टी के बकरों की प्रतीकात्मक कुर्बानी ने लोगों का ध्यान खींचा।
संगठन का कहना है कि धार्मिक परंपराओं को बिना हिंसा और पर्यावरण नुकसान के भी निभाया जा सकता है।