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डूबे शहर मची तबाही... हिमाचल को समान्य होने में लगेंगे 2 साल बाद, CM ने मांगी 2,000 करोड़ रुपये की मदद

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 07 Aug, 2023 11:14 AM
डूबे शहर मची तबाही... हिमाचल को समान्य होने में लगेंगे 2 साल बाद, CM ने मांगी  2,000 करोड़ रुपये की मदद

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए तत्काल 2,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। सुक्खू ने जारी मानसून सीजन में मूसलाधार बारिश, बादल फटने और अचानक बाढ़ आने से राज्य को हुए भारी नुकसान की जानकारी दी। 

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मुख्यमंत्री ने हिमसचल में बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्रीय समिति भेजने को लेकर गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया और उसने केंद्रीय समिति की सिफारिशों के आधार पर जल्द से जल्द आपदा कोष जारी करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री का कहना है कि  क्षतिग्रस्त संरचना के पुननिर्माण में करीब एक या दो साल लग जाएंगे। उन्होंने बताया कि अब तक मिली राहत सहायता कम है क्योंकि पहाड़ी राज्य को इस मानसून में लगभग 8,000 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है।

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सुक्खू ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए प्राप्त आपदा राहत निधि प्रभावित लोगों को वितरित करने के लिए संबंधित विभागों और उपायुक्तों को जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत कोष के तहत 2019 से 2021 तक लंबित कुल 315 करोड़ रुपये जल्द ही जारी किए जाएंगे। बाद में सुक्खू ने वित्त मंत्री से सीतारमण से अतिरिक्त सहायता का अनुरोध किया ताकि राज्य में संपत्ति निर्माण और बहाली की गति को तेज किया जा सके। 

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने निर्देश दिए कि विभिन्न राहत कार्यों में तेज़ी लाई जाए ताकि प्राभावितों को शीघ्र उचित राहत मिल सके। आपदाओं के समय में प्रभावितों को मानसिक क्षति भी उठानी पड़ती है। सभी से अग्राह किया गया कि आपदा से सफलतापूर्वक निपटने के लिए एकजुट होकर कार्य करें। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन और सड़क दुर्घटनाओं जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं में हिमाचल प्रदेश में 197 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोग लापता हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य में भारी बारिश से सड़कों और पुलों के बह जाने, जलापूर्ति योजनाओं, सिंचाई योजनाओं, विद्युत आपूर्ति लाइनों सहित सार्वजनिक एवं निजी सम्पति का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है।   ।   

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