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ऑस्ट्रेलिया में फैला मांस खाने वाला बुरूली अल्सर, बेहद खतरनाक हैं इसके लक्षण

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 25 Feb, 2021 06:23 PM
ऑस्ट्रेलिया में फैला मांस खाने वाला बुरूली अल्सर, बेहद खतरनाक हैं इसके लक्षण

दुनिया भर को अभी कोरोना से राहत नहीं मिल पाई है लेकिन ऐसे में ऑस्ट्रेलिया से एक और बड़ी आफत सामने आ गई है। दरअसल ऑस्ट्रेलिया में कईं हिस्सों में ऐसी बीमारी फैल गई है जिसके कारण वहां के हेल्थ डिपार्टमेंट में चेतावनी भी जारी कर दी गई है। यह बीमारी इतनी खतनाक है कि देखते ही देखते इससे प्रभावित हिस्से में मांस कम होने लगता है। तो चलिए आपको इस बीमारी के बारे में सब कुछ बताते हैं। 

बुरूली अल्सर नाम की है बीमारी 

ऑस्ट्रेलिया में फैली इस बीमारी का नाम बुरूली अल्सर है। यह बीमारी ऐसी है जो आपके शरीर के कईं हिस्सों का मांस ही खा जाती है। आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में इसके मामले की पुष्टि हुई है। जिसके बाद आस-पास रह रहे लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। 

क्या है बीमारी?

बुरूली अल्सर नाम की बीमारी पर्यावरण में मौजूद माइकोबैक्टीरियम अल्सरान नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है। वहीं कुछ विशेषज्ञ इसका कारण कहीं न कहीं मच्छरों को भी बता रहे हैं। जी हां...विशेषज्ञों की मानें तो यह बीमारी मच्छरों के कारण भी ज्यादा तेजी से फैलती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने यह भी आदेश दे दिए हैं कि मच्छरों की रोकथाम के लिए जल्द ही कुछ न कुछ उपाय करने चाहिए। 

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज 

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खबरों की मानें तो यह बीमारी शरीर की त्वचा को बुरी तरह से प्रभावित कर देती है कईं कईं बार तो इससे हड्डियां भी प्रभावित हो जाती हैं। इसके लक्षणों की बात करें तो वो इस प्रकार हैं

. सबसे पहले तो स्किन पर लाल रंग का निशान बन जाता है
. अगर समय रहते आप इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो धीरे-धीरे वहां से मास कम होने लगता है
. हालांकि एक बात यह हमेशा याद रखिए कि जो निशान दिखता है उसमें सबसे पहले दर्द नहीं होती है वहां पर सिर्फ सूजन ही होती है

मरीज को संक्रमित होने के लिए लगता है इतना समय 

मीडिया रिपोर्टस की मानें तो इस बीमारी का सबसे अधिक निशान टांगों पर ही पड़ता है। वहीं यह बीमारी मरीज को संक्रमित करने के लिए लगभग 4 से 9 महीने तक का समय लेती है। जिस हिस्से पर यह अल्सर होता है वहां मांस कम होने लगता है। कईं मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं जहां पर  मरीज को विकलांगता तक की समस्या का सामना करना पड़ा हो। वहीं इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो इस बीमारी को शुरूआत में ही रोकना जरूरी है। 

कोरोना के प्रभावित इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा 

हालांकि अभी तक इस का तो पता नहीं तल पाया है कि आखिर यह बीमारी कहां से शुरू हुई है और अभी तक इससे हर वर्ग के उम्र के लोगों को खतरनाक बताया जा रहा है। वहीं जहां कोरोना के संक्रमण के अधिक मामले है और जो लोग यात्रा करके लौट रहे हैं उन्हें भी इससे खतरा है। 

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