वो कहते हैं न पढ़ाई का सब को समान अधिकार है। इन ही बातों को नजर में रखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने 17 साल के बलात्कार आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी, ताकि वो अपनी बोर्ड परीक्षा दे सके। बता दें 17 साल के इस आरोपी पर 17 साल की लड़की का रेप करने का इल्जाम है। अदालत ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए बलात्कार पीड़िता के बयान को देखा और आरोपी को मांगी गई राहत दे दी।
पीड़ित और आरोपी की उम्र देखते हुए कोर्ट ने कही बड़ी बात
इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए न्यायमूर्ति सारंग कोटवाल ने कहा, "पीड़ित लड़की के बयान से ये साफ होता है कि जो हुआ उसमें दोनों की सहमति थी। बेशक, उसकी उम्र को देखते हुए, सहमति मायने नहीं रखती, लेकिन साथ ही समय के साथ, आरोपी की उम्र को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उसकी उम्र भी 18 साल से कम है और इसलिए वह नाबालिग है।''
पीड़िता की मां ने करवाया था आरोपी के खिलाफ केस दर्ज
आरोपी लड़का 3 जनवरी को नवी मुंबई के रबाले (Rabale) पुलिस स्टेशन में दर्ज बलात्कार के मामले में अग्रिम जमानत की मांग कर रहा था। मामला यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और भारतीय दंड के तहत आरोपों के तहत दर्ज किया गया था। पीड़िता की मां ने ये कह कर केस दर्ज करवाया कि लड़की घटना के बाद प्रेग्नेंट हो गई थी।
सुनवाई के दौरान, मामले के जांच अधिकारी (आईओ) ने 4 फरवरी को एक पत्र प्रस्तुत किया, जो की पीड़ित लड़की की ओर से कोर्ट में पेश करने के लिए दिया गया था। इसमें पीड़िता की इच्छा व्यक्ति की थी कि आरोपी लड़के को भी पढ़ाई के लिए जमानत दे दी जाए।अदालत ने कहा कि पीड़िता और आरोपी दोनों 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, इसलिए अग्रिम जमानत अर्जी पर जल्द से जल्द फैसला करना जरूरी है, ताकि उनकी पढ़ाई में बाधा न आए।
इसके बाद न्यायमूर्ति कोतवाल ने अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली। हालांकि साथ में कोर्ट में आरोपी लड़के को चल रही मामले की जांच में सहयोग करने का कहा है।