22 NOVFRIDAY2024 6:28:17 AM
Nari

बढ़ते प्रदूषण के कारण छिन रहा है स्किन का निखार तो इस्तेमाल करें ये Shahnaz Husain Tips

  • Edited By palak,
  • Updated: 05 Nov, 2022 05:17 PM
बढ़ते प्रदूषण के कारण छिन रहा है स्किन का निखार तो इस्तेमाल करें ये Shahnaz Husain Tips

देश  के अधिकतर  शहरों  के आसमान  में धुएं ,धूल ,एसिड से भरी जहरीली हवा की परत बार-बार खतरनाक  स्तर को पर कर रही है तथा अनेक शहरों की हवा साँस लेने लायक नहीं रह गई है। प्रदूषण  के खतरनाक स्तर पार कर जाने से अनेक शहरों  में स्मोक की घनी चादर  छाई हुई है जिससे  देखने में भी परेशानी  का सामना करना पड़ रहा है। वायु में प्रदूषण आगामी दिनों में  बद से बदतर हो सकता है। हालाँकि  वायु प्रदूषण  से सेहत को होने वाले नुकसान  के बारे में ज्यादातर लोग जागरूक  हैं लेकिन बायु प्रदूषण से बालों, त्वचा ,चेहरे की सुन्दरता  पर पड़ने बाले खतरनाक प्रभाव से  कम  ही लोग वाकिफ हैं। वायु में बढ़ते प्रदूषण से न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है लेकिन उससे आपकी खूबसूरती पर भी ग्रहण लगता है। 

PunjabKesari

शहरो में बढ़ते वायु प्रदूषण से आपको  फेफड़ों के रोगों  के अलावा समय से पहले बूढ़ापा ,पिगमेंटेशन ,त्वचा के छिद्रों  में ब्लॉकेज आदि अनेक सौन्दर्य  समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। ज्यादातर भारतीय शहरों में वाहनों , एयर कण्डीशनर,धूल, धुएं आदि  से आसमान में बनने बाली  जहरीली धूंद की चादर से माइक्रोस्कोपिक केमिकल्स की एक परत बन जाती है  जिसके  कण  हमारे छिद्रों के मुकाबले 20 गुणा ज्यादा पतले होते  है  जिसकी  वजह से वह हमारी बाहरी त्वचा से  हमारे  छिद्रों में प्रवेश करके त्वचा  की  नमी  को खत्म कर देते हैं जिससे  त्वचा में लालिमा , सूजन ,काले   दाग ,त्वचा में लचीलेपन में कमी, आ जाती  हैं जिससे त्वचा निर्जीव , शुष्क , कमजोर  एवं बुझी बुझी सी हो जाती है।  वायु में विद्यमान रसायनिक प्रदूषण त्वचा तथा खोपड़ी के सामान्य सन्तुलन को बिगाड़ देते है जिससे त्वचा में रूखापन, संवेदनहीनता लाल चकत्ते, मुहांसे तथा खुजली एवं अन्य प्रकार की एलर्जी एवं बालों में रूसी आदि की समस्याएं उभर सकती है।

लेकिन अगर आप शहरों में रहते हैं तो आप प्रदूषण से  कभी छुटकारा नहीं  पा  सकते लेकिन अच्छी खबर यह है की आप प्रदूषण से  सौन्दर्य  को होने बाले नुकसान को काम कर सकते हैं। 

आर्युवेदिक घरेलू उपचार तथा प्राचीन औषधीय पौधों की मदद से प्रदूषण के सौंदर्य पर पढ़ने वाले प्रभाव को पूरी तरह रोका जा सकता है तथा आपका सौन्दर्य सामान्य रूप से निखरा रह सकता है। प्राचीन औषधीय पौधों को घर में लगाने से वायु में विषैले तत्वों को हटाकर वायु को स्वच्छ रखा जा सकता है क्योंकि यह पौधे वातावरण में विद्यमान हानिकारक गैसों को सोखकर घर में वातावरण को शुद्ध कर देते है। वायु प्रदूषण का सबसे खतरनाक असर त्वचा पर पड़ता है क्योंकि प्रदूषण के विषैले तत्व त्वचा पर सीधा प्रहार करके त्वचा में विषैले पदार्थों का जमाव कर देते है। वास्तव में यह विषैले पदार्थ त्वचा में खुजली के प्रभावकारी कारक होते है। वायु में विद्यमान विषैले पदार्थो का सौंदर्य पर दीर्घकालीन तथा अल्पकालीक प्रभाव पड़ता है त्योहारों एवं समाराहो में चलाए जाने वाले पटाखों तथा अतिशबाजी से भी वायु में विषैले पदार्थ प्रवेश करते हैं जिससे त्वचा में खुजली बढ़ जाती है। वायु में विद्यमान रसायनिक प्रदूषण वातावरण में आक्सीजन को कम कर देते है जिससे त्वचा में समय से पूर्व झुर्रियां तथा बुढ़ापे के भाव झलकना शुरू हो जाते है। प्रदूषण की वजह से त्वचा पर जमे मैल, गन्दगी तथा रसायनिक तत्वों से छुटकारा प्रदान करने के लिए त्वचा की सफाई अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाती है। यदि आपकी त्वचा शुष्क है तो आपको क्लीजिंग क्रीम तथा जैल का प्रयोग करना चाहिए जबकि तैलीय त्वचा में क्लीनिंग दूध या फेशवाश का उपयोग किया जा सकता है। सौंदर्य पर प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए चन्दन, यूकेलिप्टस, पुदीना, नीम, तुलसी, घृतकुमारी जैसे पदार्थों का उपयोग कीजिए। इन पदार्थो में विषैले तत्वों से लड़ने की क्षमता तथा बलवर्धक गुणों की वजह से त्वचा में विषैले पदार्थो के जमाव तथा फोडे़, फुन्सियों को साफ करने में मदद मिलती है। वायु प्रदूषण खोपड़ी पर भी जमा हो जाते है।

PunjabKesari

एक चम्मच सिरका तथा घृतकुमारी में एक अण्डे को मिलाकर मिश्रण बना लीजिए तथा मिश्रण को हल्के-2 खोपड़ी पर लगा लीजिए। इस मिश्रण को खोपड़ी पर आधा घण्टा तक लगा रहने के बाद खोपड़ी को ताजे एवं साफ पानी से धो डालिए। आप वैकल्पिक तौर पर गर्म तेल की थैरपी भी दे सकते है। नारियल तेल को गर्म करके इसे सिर पर लगा लीजिए। अब गर्म पानी में एक तौलिया डुबोइए तथा तौलिए से गर्म पानी निचोड़ने के बाद तौलिए को सिर के चारों ओर पगड़ी की तरह बांध कर इसे पांच मिनट तक रहने दीजिए तथा इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराइए। इस प्रक्रिया से बालों तथा खोपड़ी पर तेल को सोखने में मदद मिलती है। इस तेल को पूरी रात सिर पर लगा रहने दे तथा सुबह ताजे ठण्डे पानी से धो डालिए।

प्रदूषण  से जंग में पानी महत्वपूर्ण भूमिका अदा  करता है। इस दौरान आप ताजे, स्वच्छ जल का अधिकतम उपयोग कीजिये  क्योंकि पानी शरीर के विषैले पदार्थों को  बाहर निकलने  तथा  कोशिकाओं  को  पौष्टिक  पदार्थों को बनाए रखने में मदद करता है।  प्रदूषण की वजह से त्वचा को हुए नुकसान की भरपाई  पानी  से आसानी से की जा सकती है। 

PunjabKesari

ओमेगा 3 तथा ओमेगा 6  फैटी एसिड्स त्वचा को प्रदूषण के दुष्प्रभाव  से बचाने में अहम भूमिका अदा  करते है। फैटी एसिड्स त्वचा में आयल शील्ड बना देते हैं जिससे त्वचा को अल्ट्रा वायलेट किरणों  से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्राप्त होती है।
 
ओमेगा 3 फैटी एसिड्स  बर्फीले पहाड़ों  की नदियों में पाए जाने बाली  मछली ,  अखरोट , राजमा , तथा पालक में प्रचूर  मात्रा में मिलता है जबकि ओमेगा 6 चिकन ,मीट ,खाद्य तेलों ,अनाज  तथा खाद्य बीजों में पाया जाता है । 

वायु में प्रदूषण तथा गन्दगी से आंखों में जलन तथा लालिमा आ सकती है। आंखों को ताजे पानी से बार-2 धोना चाहिए। काटनवूल पैड को ठण्डे गुलाब जल या ग्रीन-टी में डुबोइए तथा इसे आंखों में आई पैड की तरह प्रयोग कीजिए। आंखों में आई पैड लगाने के बाद जमीन में गद्दे पर 15 मिनट तक आराम में शवआसन की मुद्रा में लेट जाइए। इससे आंखों में थकान मिटाने में मदद मिलती है तथा आंखों में चमक आती है।

वायु में प्रदूषण से शहरों में रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य तथा तन्दरूसती पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आजकल हम अत्याधिक प्रदूषण स्तर को झेल रहे है जिससे सांस तथा फेफड़ों की बीमारी सामान्य बन गई है। घर के अंदर प्रदूषित हवा से सिरदर्द, आखें में जलन जैसी बीमारियां घर कर रही है। वास्तव में सरकारी तथा वैज्ञानिक संगठनों का मुख्य लक्ष्य वर्तमान में विद्यमान प्रदूषण के उच्च स्तर को सामान्य स्तर तक लाना है जिससे हम कुछ औषधीय पौधों को मदद से प्राप्त कर सकते है। इन पौधों में एलोवेरा सबसे लाभदायक माना जाता है जो कि सामान्यतः सभी भारतीय घरों में आसानी से देखा जा सकता है। यह घरों में आक्सीजन को प्रवाह को तेज करता है तथा प्रदूषण के प्रभाव को कम करता है। यह कार्बनडाइऑक्साईड तथा कार्बन मोनोआक्सीईड को सोख कर आक्सीजन को वातावरण में छोड़ता है।

PunjabKesari

इसके अलावा अंजीर, बरगद, पीपल का वृक्ष स्पाईडर प्लांट भी हवा को साफ करने में काफी सहायक माना जाता है क्योंकि यह हवा में विद्यमान जहरीले तत्वों को सोख लेते है। इसके अलावा सान्सेवीरिया जिसे सामान्य भाषा में स्नेक प्लान्ट कहा जाता है भी वायु प्रदूषण को रोकने तथा ताजा स्वच्छ हवा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। स्नेक प्लांट को सामान्य बैडरूम में रखा जाता है तथा इसकी देखभाल भी काफी आसान तथा सामान्य है। इसके अलावा ऐरेका पाम, इंग्लिश आईवी, वोस्टनफर्न तथा पीस लिलो जैसे पौधे भी भारत में आसानी से मिल जाते है तथा पर्यावरण मित्र माने जाते है। 


लेखिका  अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय है।

Related News