उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर के कपाट 19 नवंबर यानी कि कल बंद हो रहे हैं और इस दिन पूरे चमोली जिले में अवकाश रहेगा। गढवाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध तीन अन्य धामों- केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं। बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।
उत्तराखंड के चमोली जनपद स्थित बाबा बदरीनाथ धाम में लगातार हो रही हल्की बफर्बारी से मौसम सर्द हो गया है। कड़ाके की ठंड के बावजूद दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा हैख, उनके उत्साह में कोई नहीं दिखाई दे रही है। कई फुट तक गिरी बर्फ की परवाह किए बिना श्रद्धालु बदरी नारायण के दर्शन के लिए उमड़ रहे है।
आठ मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक लाखों श्रद्धालु बदरी नारायाण महाराज के दर्शन कर चुके हैं। उत्तराखंड में शेष तीन धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। केदारनाथ के कपाट 27 अक्टूबर को बंद हुए। इस धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए छह मई को खुले और 27 अक्टूबर को बंद हुए। इस अवधि में रिकार्ड 1563278 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किये।
यमुनोत्री धाम के कपाट तीन मई को खुले और 27 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हुए। कपाट बंद होने तक तक यमनोत्री में 485688 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूब को बंद हुए और कपाट खुलने की तिथि तीन मई से 26 अक्टूबर 624516 गंगोत्री धाम पहुंचे।
मौसम सर्द होने के चलते तीर्थयात्रियों से गर्म कपड़े साथ लाने का अनुरोध किया जा रहा है। वहीं बद्रीपुरी की खूबसूरती की बात करें तो सफेद चादर में लिपटकर वह चांदी-सी चमक रही है। कल बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बंद किए जाएंगे।
चारों धामों में से केवल बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की ही तिथि निकाली जाती है और अन्य तीनों धामों की तिथि दीपावली के त्योहार से ही निर्धारित होती है । बर्फ की सफेद चादर से ढका धाम नजरों को बेहद भा रहा है।