
बॉलीवुड फिल्मों को नया रंग देने वाले आयुष्मान खुराना को भला कौन नहीं जानता। कभी 'विक्की डोनर' तो कभी 'ड्रीम गर्ल' बनकर लोगों को इम्प्रेस करने वाले आयुष्मान के लिए यहां तक का रास्ता तय करना इतना भी इतना नहीं था। आय़ुष्मान खुराना ने एक आउटसाइडर के तौर पर इंडस्ट्री में पहचान बनाई...उनकी स्ट्रगल लाइफ महज 17 साल की उम्र में शुरू हुई।
5 साल तक थिएटर में किया काम
आयुष्मान का जन्म 14 सितंबर 1984 को चंडीगढ़ में हुआ था। पहले तो उनके मां-बाप ने उनका नाम निशांत खुराना रखा लेकिन 3 साल की उम्र में उनका नाम बदलकर आयुष्मान खुराना रख दिया गया। मास कॉम्यूनिकेशन में मास्टर की डिग्री के साथ साथ उन्होंने करीब 5 साल तक थिएटर में काम किया। 17 साल की उम्र में उन्होंने अपने पहले रियालिटी शो की शुरूआत कीं। इसके बाद आयुष्मान साल 2004 में वो 'रोडीज 2' में विनर बनकर लोगों में फेमस हुए जिसके बाद उन्होंने एंकरिंग की दुनिया में भी कदम रखा। हालांकि, तब भी उनका स्ट्रगल जारी रहा। इसके बाद उन्होंने टीवी शोज में बतौर होस्ट एंट्री ली।

साल 2012 में उन्होंने रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'विक्की डोनर' से बॉलीवुड डेब्यू किया। पहली ही फिल्म से आयुष्मान लोगों के दिलों दिमाग पर छा गए। हालांकि, इस फिल्म में उन्होंने खुद 'पानी दा रंग' सॉन्ग भी गाया जिस वजह से उन्हें बेस्ट मेल डेब्यू और गाने के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के अवॉर्ड से नवाजा गया। पिछले करीब 8 सालों में आयुष्मान बॉलीवुड में छा गए। 2015 के बाद आयुष्मान की हिट फिल्मों का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि वो आजतक जारी हैं। उन्होंने बैक टूट बैक 10 सुपरहिट फिल्में दीं। हालांकि शुरूआती दौर में उनकी कुछ फ्लॉप फिल्में भी आईं जिस वजह से वो अपनी पहली फिल्म को अभिशाप मानने लगे थे।
कास्टिंग काउच का करना पड़ा था सामना
इसी बीच एक दौर ऐसा भी आया जब स्ट्रगल करते हुए आय़ुष्मान को कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ा। दरअसल, आयुष्मान ने खुद बताया था कि 'एक बार कास्टिंग डायरेक्टर ने उन्हें कहा था कि वह उनका प्राइवेट पार्ट देखना चाहते हैं। यह बात सुनकर पहले तो आयुष्मान जोर से हंसने लगे लेकिन फिर उन्होंने कहा- क्या तुम सही में सीरियस हो? जिसके बाद उन्होंने साफ इंकार कर दिया था।

बात अगर पर्सनल लाइफ की करें तो आयुष्मान ना सिर्फ सुपर-डूपर एक्टर है बल्कि एक परफेक्ट हसबैंड भी। उन्होंने पत्नी के बुरे वक्त में हमेशा उनका साथ दिया। मगर शुरूआती दौर में जब उनका करियर पटरी पर आ रहा था तब उनकी पत्नी और बच्चे घर पर होते थे तब वो रात-रात भर शूटिंग में बिजी रहते थे जिससे उनकी पत्नी काफी दुखी रहने लगी थी।
फैमिली को समय देते हैं आयुष्मान
फिल्म मेकर ताहिरा कश्यप ने एक बार अपने अकेलेपन का दर्द बयां करते हुए बताया था कि कैसे उनके पति काम में बिजी रहते थे और वो अकेले घर में रात-रात भर रोती रहती थीं यहीं अकेलापन उन्हें नेगेटिविटी की तरफ धकेलता रहा। सुबह उठती तो सबके सामने एक हैप्पी फेस लेकर जाती ताकि वो अपने बच्चों के सामने लूजर ना लगे। अपनी अंदर की इस नेगेटिविटी को दूर करने के लिए ताहिरा ने बौद्ध जप शुरू किया। तब जाकर उनकी सेहत में सुधार आया। मगर ताहिरा-आयुष्मान की इस स्टोरी से एक प्रेरणा जरूर मिलती हैं कि भले ही आत काम में कितने ही बिजी क्यों ना हो लेकिन फैमिली को टाइम देना बहुत जरूरी हैं ताकि फैमिली कहीं आपसे दूर ना हो जाए या फिर आपके बारे में कोई गलत धारणा ना बना लें।

बता दें कि ताहिरा को ब्रेस्ट कैंसर हुआ था लेकिन शुरुआती स्टेज में पता लगने के चलते उनका इलाज जल्द शुरू हुआ। इस मुश्किल वक्त में आयुष्मान ने उनका पूरा सपोर्ट किया और आज वो बिल्कुल ठीक भी हैं।