धनतेरस का पावन त्योहार दिवाली से मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। ऐसे में इस शुभ अवसर पर लोग सोने-चांदी के बर्तन, आभूषण और देवी लक्ष्मी व गणेशजी की मूर्ति खरीदते हैं। मगर बात ज्योतिष व वास्तुशास्त्र की करें तो देवी लक्ष्मी की मूर्ति खरीदने के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकताा है। तो चलिए जानते हैं उन जरूरी बातों के बारे में...
इस मुद्रा न हो देवी लक्ष्मी की मूर्ति
लक्ष्मी माता की मूर्ति खरीदते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि देवी मां खड़ी मुद्रा में न हो। माना जाता है कि इससे घर में पैसा नहीं टिकता। साथ ही आर्थिक रूप से परेशानियां रहती है।
इस धातु की हो मूर्ति
वास्तु के अनुसार, देवी लक्ष्मी की मूर्ति सोने व चांदी की सबसे शुभ मानी जाती है। मगर आप इस धातु की नहीं खरीद सकते हैं तो आप इसे पीतल या अष्ट की लें सकते हैं। इससे जीवन में कभी भी पैसों से जुड़ी समस्याएं नहीं होगी।
ऐसी तस्वीर लेने से बचें
अक्सर देवी लक्ष्मी की तस्वीरों से उनके हाथ से सोने के सिक्के नीचे गिरते दिखाई देते हैं। मगर ये सिक्के नीचे जमीन पर गिरे तो ऐसी तस्वीर खरीदने से बचें। इससे घर में कंगाली आती है। इसके विपरित अगर सिक्के किसी चीज में गिरे तो उसे शुभ माना जाता है। इससे घर में पैसा टिकने के साथ कारोबार में तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
ऐसे स्वरूप की मूर्ति व तस्वीर न खरीदें
कभी भी देवी मां की गुस्से वाली मूर्ति या तस्वीर न लें। नहीं तो कंगाली का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए घर व कार्यस्थल के मंदिर में देवी मां के मुस्कुराते हुए की फोटो या मूर्ति लगाएं।
न खरीदें ऐसी मूर्ति व तस्वीर
कभी भी मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को अकेला नहीं लेना चाहिए। देवी की पूजा गणेश जी और सरस्वती देवी के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में हमेशा ऐसा चित्र खरीदें जिसमें ये तीनों एक साथ हो। इससे जीवन में धन के साथ विद्या की कोई कमी नहीं होती है।
इस ओर हो गणेश जी की मूर्ति
भगवान गणेश जी का स्थान देवी मां के दाहिने और श्रीहरि जी का बाईं ओर माना जाता है। ऐसे में जो लोग चित्र खरीद रहे हैं। उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।