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World Aids Day: फ्लू की तरह कॉमन होते हैं AIDS के लक्षण, समय रहते करें पहचान

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 01 Dec, 2021 12:27 PM
World Aids Day: फ्लू की तरह कॉमन होते हैं AIDS के लक्षण, समय रहते करें पहचान

एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम) एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिसका फिलहाल इलाज नहीं मिल पाया है। यह एचआईवी (मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस) के कारण होता है। जो लोग एड्स से पीड़ित होते हैं, उनमें संक्रमण के कारण मल्टीसिस्टम ऑर्गन फेल हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति मौत की दहलीज तक पहुंच जाता है। वैसे तो यह बीमारी लाइलाज है लेकिन सही इलाज से व्यक्ति कुछ समय ज्यादा जी सकता है।

WHO के अनुसार, 2020 के अंत में अनुमानित रूप से 37.7 मिलियन लोग HIV के साथ जी रहे थे। वहीं, 2020 में, HIV से संबंधित कारणों से 680000 लोगों की मृत्यु हुई और 1.5 मिलियन लोग HIV संक्रमित हुए। हालांकि उचित दवा और देखभाल के साथ यह संख्या अब बहुत कम हो गई है।

सही समय पर पहचाने लक्षण

इस बीमारी के कारण मौत होने का सबसे बड़ा कारण है सही समय पर लक्षणों की पहचान ना कर पाना। कुछ लोग कई वर्षों तक इसके लक्षण नहीं पहचान पाते, जिसके कारण बीमारी आउट ऑफ कंट्रोल हो जाती है। चलिए आज हम आपको इस बीमारी के कुछ लक्षण बताते हैं, जिससे आप समय रहते इलाज शुरू करवा सकते हैं।

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बुखार, सिरदर्द

वायरस की शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, थकान, गले में खराश जैसे लक्षण सामने आते हैं। ये लक्षण आमतौर पर इंफेक्शन के एक या दो महीने में नजर आते हैं जबकि कुछ में यह 2 सप्ताह सामने आ सकते हैं।।

मांसपेशियों/जोड़ों में दर्द

बेवजह थकान, सूजी हुई ग्रंथियां, मांसपेशियों/जोड़ों का दर्द और दस्त भी एड्स के लक्षण है इसलिए इसे नजरअंदाज ना करें।

कमजोर इम्युनिटी

जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, एचआईवी वाले लोग कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित कर सकते हैं। इसके अलावा रात को पसीना आना भी एचआईवी के लक्षण है।

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मुंह में नासूर

मुंह में नासूर, दांत में फोड़ा या गुहा, छोटे-मोटे संक्रमण जैसे सर्दी या यीस्ट संक्रमण जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत चेकअप करवाएं।

मेंस्ट्रूअल साइकिल में बदलाव

HIV वायरस से संक्रमित महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकिल में काफी बदलाव देखने को मिलता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं तो वहीं कुछ को हैवी ब्लीडिंग होती है।

तीसरे स्टेज में दिखाई देते हैं ये लक्षण

तीसरे स्टेज पर लसिका ग्रंथि, पेड़ू, गर्दन व अंडर आर्म्स में सूजन बढ़ जाती है। इसके अलावा मुंह, मलद्वार, जननांग में घाव हो सकते हैं। मुंह, स्किन, नाक में लाल, ब्राउन, गुलाबी या बैंगनी रंग के छाले और घाव बन सकते हैं। कुछ लोगों में मेमोरी लॉस और डिप्रेशन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं।

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