05 DECFRIDAY2025 4:42:54 PM
Nari

छोटे बच्चों के कान छिदवाने से पहले जान लें डॉक्टर की ये 5 जरूरी बातें, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 02 Jul, 2025 03:10 PM
छोटे बच्चों के कान छिदवाने से पहले जान लें डॉक्टर की ये 5 जरूरी बातें, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

नारी डेस्क: भारत में बच्चों के जन्म के बाद कई परंपराएं निभाई जाती हैं जैसे कि मुंडन और कान छिदवाना (ईयर पियर्सिंग)। यह परंपरा हर परिवार में अपने धार्मिक विश्वास और रीति-रिवाजों के अनुसार होती है। हालांकि, यह एक संवेदनशील प्रक्रिया है, इसलिए इसे करवाने से पहले माता-पिता को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे सही उम्र क्या है? किससे करवाना चाहिए? और किन सावधानियों की जरूरत है? अगर इस दौरान जरा भी लापरवाही हो गई, तो यह बच्चे के लिए तकलीफदेह हो सकता है। इसलिए, इस लेख में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. निमिषा अरोड़ा की सलाह के अनुसार, हम जानेंगे इससे जुड़ी ज़रूरी बातें।

सही उम्र क्या है कान छिदवाने की?

डॉ. निमिषा बताती हैं कि छोटे बच्चों पर ईयर पियर्सिंग बहुत प्यारी लगती है लेकिन इसके लिए सही उम्र और सावधानियां जानना बहुत ज़रूरी है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. अरोड़ा के अनुसार, जब बच्चा 6 महीने का हो जाता है तो उसकी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) और कानों की त्वचा (कार्टिलेज) थोड़ी मजबूत हो जाती है। इस समय कान छिदवाना सबसे सही माना जाता है।

वैक्सीनेशन पूरा होना चाहिए

अगर कोई माता-पिता पारंपरिक या धार्मिक कारणों से 6 महीने से पहले ही यह करवाना चाहते हैं तो कम से कम बच्चे का 14 सप्ताह (3.5 महीने) तक का टीकाकरण पूरा हो चुका हो यह बेहद जरूरी है।

ये भी पढ़े: Pregnancy में मां की इस 1 आदत से शिशु के दिमाग पर पड़ता है बुरा असर

बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो

पियर्सिंग के समय बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए। उसे किसी भी प्रकार का इंफेक्शन, बुखार या स्किन प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए। वरना संक्रमण फैल सकता है। डॉ. अरोड़ा की सलाह है कि ईयर पियर्सिंग किसी प्रशिक्षित मेडिकल प्रोफेशनल जैसे डॉक्टर या सर्टिफाइड नर्स से ही करवाना सबसे सुरक्षित होता है। अगर आप किसी ज्वैलर या पारंपरिक छेदक से करवाने का सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें कि वे इस प्रक्रिया में अनुभवी हों और पूरा सेटअप साफ-सुथरा और सैनिटाइजर हो।

PunjabKesari

पियर्सिंग के समय रखें ये सावधानियां

डॉ. निमिषा बताती हैं कि कान छिदवाने से लगभग आधे घंटे पहले बच्चे के कानों पर नम्बिंग क्रीम या आइस पैक लगाना चाहिए। इससे दर्द कम होता है और बच्चा असहज महसूस नहीं करता। पियर्सिंग के तुरंत बाद बच्चे को जो ईयरिंग्स पहनाई जाए, वह गोल्ड (सोना) या सर्जिकल स्टील की होनी चाहिए। ये दोनों मेटल्स स्किन फ्रेंडली होते हैं और बच्चों की कोमल त्वचा में एलर्जी या रिएक्शन नहीं करते।

कान छिदवाना एक परंपरागत प्रक्रिया ज़रूर है, लेकिन यह बच्चे के शरीर से जुड़ा एक संवेदनशील काम भी है। इसलिए इसे लेकर सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है।
 

Related News