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Nari

Love marriage की सज़ा मिली लड़की के परिवार को, 40 परिजने को करवाना पड़ा मुंडन

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 22 Jun, 2025 01:12 PM
Love marriage की सज़ा मिली लड़की के परिवार को, 40 परिजने को करवाना पड़ा मुंडन

नारी डेस्क: भारत में भले ही संविधान हर नागरिक को समान अधिकार देता ह, लेकिन आज भी कई जगहों पर अंतरजातीय विवाह को समाज की स्वीकृति नहीं मिलती। ऐसे विवाह करने वालों और उनके परिवारों को सामाजिक बहिष्कार, अपमान और शुद्धिकरण जैसी कुरीतियों का सामना करना पड़ता है।  ओडिशा के रायगढ़ जिले से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक लड़की द्वारा अनुसूचित जाति के युवक से विवाह करने पर पूरे परिवार को सामाजिक दबाव का शिकार होना पड़ा।

अनुसूचित जाति के युवक से विवाह करने पर भड़के गांव वाले

यह मामला रायगढ़ के काशीपुर ब्लॉक के बैगनगुडा गांव का है। यहां एक लड़की ने अपने ही क्षेत्र के एक दूसरे गांव के अनुसूचित जाति के युवक से प्रेम विवाह कर लिया। इसके बाद गांव के लोग लड़की और उसके परिवार से नाराज हो गए। गांव वालों को यह विवाह जातिगत परंपराओं और सामाजिक नियमों के खिलाफ लगा और उन्होंने लड़की के परिवार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।

शुद्धिकरण का दबाव: बलि और मुंडन की शर्त

गांव वालों ने लड़की के परिवार पर ‘शुद्धिकरण प्रक्रिया’ से गुजरने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस प्रक्रिया के अंतर्गत परिवार के सदस्यों को जानवरों की बलि देनी पड़ी और उनका सामूहिक मुंडन भी कराया गया। बताया जा रहा है कि करीब 40 परिजनों को जबरन मुंडन कराना पड़ा, ताकि वे दोबारा ‘जाति व्यवस्था’ में वापस आ सकें। यह सब गांव के सामाजिक दबाव और भेदभावपूर्ण परंपराओं के कारण हुआ। इस पूरी प्रक्रिया का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति का मुंडन होते देखा जा सकता है।

सामाजिक बहिष्कार बना मानसिक और सामाजिक बोझ

अंतरजातीय विवाह के बाद गांव के लोगों ने लड़की के पूरे परिवार का बहिष्कार कर दिया था। वे किसी से बात नहीं करते थे, किसी आयोजन में नहीं बुलाते थे और सामाजिक रूप से अलग-थलग कर दिया गया था। इसके बाद गांव वालों ने कहा कि अगर परिवार दोबारा समाज में शामिल होना चाहता है तो उन्हें बलि और मुंडन जैसे रीति-रिवाजों को निभाना होगा। गांव की इस सोच ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हमारे समाज में जातिवाद और पुरानी कुरीतियाँ अभी भी कितनी गहराई तक मौजूद हैं।

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प्रशासन ने दिए जांच के निर्देश

घटना सामने आने के बाद काशीपुर ब्लॉक के बीडीओ विजय सोय ने तत्काल अधिकारियों को गांव भेजकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अगर जांच में कोई दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला अब स्थानीय प्रशासन की निगरानी में है और इसकी हर पहलू से जांच की जा रही है।

यह मामला इस बात की कड़वी सच्चाई को सामने लाता है कि समाज में जातिवाद और रूढ़िवादी सोच अभी भी जीवित है। किसी भी लड़की या लड़के द्वारा प्रेम विवाह करना उनका व्यक्तिगत अधिकार है, लेकिन इसके बाद शुद्धिकरण जैसे अमानवीय कार्यों के लिए मजबूर करना न सिर्फ असंवैधानिक है, बल्कि मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है।

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