गणतंत्र दिवस पर पद्म पुरस्कार 2021 लिस्ट का ऐलान किया गया था। इस लिस्ट में महिलाओं ने बाजी मारते हुए अपने नाम इस अवॉर्ड को किया। किसी ने जिंदगी भर गरीबी देखी तो किसी ने लोगों के घर झाड़ू-पोछा भी लगाया। इस बात में तो कोई शक नहीं कि महिलाओं की मेहनत और उनके बेहतरीन योगदान की वजह से ही आज वह इस लिस्ट में आ पाई हैं। वहीं इसी लिस्ट में शामिल हैं अम्मा पप्पाम्मल जो तमिलनाडु की रहने वाली हैं। हाल ही में पीएम मोदी भी उनसे मिले। तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन अम्मा पप्पाम्मल।
खेती के लिए मशहूर पप्पाम्मल
बता दें कि 105 साल की अम्मा आर पप्पाम्मल तमिलनाडु की रहने वाली हैं और वह इस उम्र में भी खेती कर रही हैं। असल में खेती ही उनकी पहचान है। खास बात यह है कि इस उम्र में आकर लोग खुद के सपनों को और खुद की चाहत को पीछे छोड़ देते हैं लेकिन अम्मा पप्पम्माल आज भी खेती करती हैं। वह भवानी नदी के किनारे एक गांव में अपना ऑर्गनिक फार्म चलाती हैं और सब्जियां तथा अनाज उगाती हैं।
छोटी उम्र में ही उठ गया था माता-पिता का साया
पप्पाम्मल का जन्म कोयंबटूर के देवलापुरम में हुआ था। तब वह बहुत छोटी थी जब उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया था। माता-पिता के गुजर जाने के बाद 2 बहनों के साथ वह दादी के पास रहने लगी। धीरे-धीरे वह परिवार की एक दुकान संभालने लगीं और फिर खाने-पीने की एक शॉप शुरू की। खेती और जैविक खेती की ओर पप्पाम्मल का यही पहला कदम था। इसके बाद उन्होंने दुकान से की हुई कमाई से गांव में एक जमीन खरीदी उस समय उनकी उम्र 30 साल की थी।
करती हैं ऑर्गेनिक खेती
पप्पाम्मल का नाम आज न सिर्फ तमिलनाडु में बल्कि पूरे देश में फेमस हैं। वह ऑर्गेनिक खेती के लिए जानी जाती हैं। पप्पाम्मल ने न सिर्फ अपनी बहनों की बल्कि उनके बच्चों की भी जिम्मेदारी संभाली।
105 साल की उम्र में भी फिट हैं पप्पाम्मल
अम्मा के दिन की शुरूआत बाकी लोगों की तरह 9 या 10 बजे नहीं बल्कि वह तो 5 बजे ही उठ जाती हैं और 6 बजे वह आपको अपने खेत में काम करती मिलेंगी यही कारण है कि वह आज इतनी फिट है कि युवाओं को भी फिटनेस के मामले में पीछे छोड़ दें। पप्पम्माल के पास गांव में 2.5 एकड़ खुद की जमीन है।
करती हैं जैविक खेती
अम्मा 105 साल के इस उम्र के पड़ाव में भी जैविक खेती करती हैं और बहुत सारी फसले उगाती हैं। अम्मा पप्पाम्मल तमिलनाडु कृषि विश्वविध्यालय के शिक्षा विभाग से भी जुड़ी हैं। साथ ही साथ वह सेमिनार और कॉन्फ्रेंसों में हिस्सा भी लेती हैं और जैविक खेती की तकनीक और फायदों के बारे में बताती हैं।
पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया
आपको बता दें कि आर पप्पम्माल को जैविक खेती के लिए पद्मश्री अवार्ड भी मिल चुका है। उनका खुद का फॉर्म है और उन्हें खेती और ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उनकी खेती की खास बात यह है कि वह बिना किसी रसायन का इस्तेमाल किए बिना ही खेती करती हैं। बहुत सारे यूनिवर्सिटी वाले भी अपने बच्चों को उनके पास इस तरह की खेती करने के लिए सीखने के लिए भेजते हैं।
पीएम मोदी ने की मुलाकात
बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने भी अम्मा के साथ मुलाकात की और वह उनके काम के मुरीद हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने कैप्शन में लिखा ,'आज कोयंबटूर में आसाधारण आर पप्पाम्मल जी से मुलाकात की। कृषि और जैविक खेती के क्षेत्र में अविस्मरणीय काम के लिए उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया है।'