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सूर्य की चमक से चमके पीएम मोदी, उनकी कुंडली में 6 बड़े योग

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 17 Sep, 2020 11:28 AM
सूर्य की चमक से चमके पीएम मोदी, उनकी कुंडली में 6 बड़े योग

नरेंद्र मोदी के सामान्य परिवार में पैदा होकर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने के पीछे उनकी कुंडली में बने सितारों के योग हैं। उनकी कुंडली में लग्न का मालिक मंगल काफी मजबूत स्थिति में है और लग्न में चंद्रमा के साथ मिलकर लक्ष्मी योग का निर्माण कर रहा है जबकि सत्ता का कारक ग्रह सूर्य भी कुंडली के 11वें भाव में है। इसी भाव से जीवन में उन्नती देखी जाती है और इस भाव में उच्च राशि के बुध का भी आ जाना उन्हें बुलंदियों पर पहुंचा रहा है।

पीएम मोदी के कुंडली में 6 बड़े योग

. केंद्र त्रिकोण राज योग - लग्न में चंद्र और मंगल की युति से बना है
. गज केसरी योग - बृहस्पति चंद्रमा से चौथे घर में होने से बना है।
. रूचक महापुरुष योग - मंगल केंद्र में अपनी में होने से बना है
. पर्वत योग - अच्छे ग्रह केंद्र में और छठे और आठवें भाव में कोई ग्रह न होने से बना है।
. नीच भंग राज योग - नीच का चंद्रमा अपनी राशि के मंगल के साथ केंद्र में होने से बना है।
. कर्मजीवा योग - बुध के दसवें भाव के स्वामी के साथ होने से बना है।

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मोदी जी को रहना होगा केतु के गोचर से सतर्क

पीएम मोदी के जन्मदिन पर बनी उनकी वर्ष फल कुंडली तुला लग्न की निकली है और लग्न का स्वामी शुक्र केंद्र में दशम भाव में ही स्थित है जबकि शनि चौथे और मंगल सांतवे भाव में विराजमान है। लग्न के स्वामी शुक्र का केंद्र में दशम भाव में आ जाना हालांकि अच्छा है और यह उनके इस वर्ष ज्यादा कर्मशील होने की तरफ इशारा करता है

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सेहत को लेकर रहना होगा सतर्क

लेकिन लग्न के स्वामी के ऊपर शनि और मंगल दोनों पापी ग्रहों की दृष्टि उनके लिए स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है। उनकी लग्न कुंडली में भी 23 सितंबर के बाद से केतु का गोचर शुरू होगा। लिहाजा इस गोचर के चलते भी उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से परेशानी हो सकती है। ऐसे में उन्हें सेहत को लेकर सतर्क रहना होगा।

लंबी अवधि तक सियासी रूप से कोई खतरा नहीं

हालांकि उनकी कुंडली में अगले साल 30 नवंबर तक चंद्रमा की दशा चल रही है और इस दौरान उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आएगी। इसके बाग भी उनकी कुंडली में लग्न के मालिक मंगल की दशा शुरू होगी और मंगल उनकी कुंडली में काफी मजबूत स्थिति में है। लिहाजा लंबी अवधि में उनके लिए सियासी रूप से कोई बड़ा खतरा नहीं है।

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